स्थानीय लोगों और लोकल मीडिया ने जब इस मामले को लेकर आवाज उठाई, तब प्रशासन ने जांच शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार, जिस जमीन पर यह अवैध कटाई चल रही है वह राजस्व विभाग की, यानी मध्य प्रदेश सरकार की जमीन है। इस जमीन में सागौन, बीजा, साज, महुआ, आम और कौहा जैसे कीमती पेड़ों की बड़े स्तर पर मौजूद है। स्थानीय लोग दावा कर रहे है कि यह अवैध कटाई महीनों से चल रही है। अब मामले को तूल पकड़ते देख केवलारी एसडीएम महेश अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए है। जांच टीम ने मौके पर जाकर पाया कि 400 से ज्यादा कीमती पेड़ काट दिए गए हैं।
एमपी से महाकुंभ जाने वाले सावधान ! कई जिलों के रास्तों पर लगा भीषण जाम जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष के बेटे का नाम शामिल
जानकारी के अनुसार, इस मामले में वन माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की संभावना लगाई जा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मामले में केवलारी जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष दो बेटों का नाम इस मामले सामने आ रहा है। हालांकि, इस बात कि पुष्टि अभी तक पुलिस ने नहीं की है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इन्हीं के संरक्षण में वन माफिया के गुर्गों ने बेखौफ होकर पेड़ों की कटाई की। यही नहीं, अवैध पेड़ों की कटाई के इस केस में हल्का क्षेत्र के पटवारी की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ चुकी है। पुलिस प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है।