हालांकि 17 में से 5 शावकों की मौत की खबर ने वाइल्ड लाइफ लवर्स को दुखी भी किया। चीता निर्वाह के शावकों को शामिल किया जाए तो अब तक भारत में 22 चीता शावक जन्म ले चुके हैं। लेकिन एक बार फिर खुशखबरी आई है और कूनो नेशनल पार्क समेत देशभर में खुशी का माहौल है।
सीएम ने पोस्ट शेयर कर दी बधाई
कूनो में जश्न के माहौल के बीच सीएम मोहन यादव ने भी अपने सोशल मीडिया X अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बधाई दी है। सीएम ने लिखा है कि आज चीता प्रोजेक्ट को बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। हमारे ‘चीता स्टेट’ मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ‘निर्वा’ ने 4 शावकों को जन्म दिया है, जो प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सीएम ने आगे लिखा है कि चीता प्रोजेक्ट के संरक्षण में सम्मिलित सभी वन्यकर्मियों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं, आप निरंतर अपने समर्पित प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिकी संतुलन में अपना योगदान सुनिश्चित करते रहें।
बता दें कि इससे पहले भी सीएम मोहन यादव ने फीमेल चीता वीरा के गर्भवती होने की खुशखबरी भरी पोस्ट शेयर कि थी। लेकिन असल में वीरा नहीं बल्कि फीमेल चीता निर्वा प्रेग्नेंट थी और उसे कड़ी निगरानी में रखा जा रहा था, ताकि उसकी सेहत और होने वाले शावकों पर नजर रखी जा सके।
कुछ चीतों को खुले में छोड़ने की तैयारी
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में व 24 चीते हैं, जिनमें 12 वयस्क और 12 शावक हैं। वयस्क चीतों में से कुछ को आगामी दिनों में खुले जंगल में रिलीज किया जाना है। हालांकि इस संबंध में स्टीयरिंग कमेटी की अनुमति आना बाकी है, लेकिन कूनो प्रबंधन ने तैयारियां कर ली हैं।
वर्तमान में कूनो में 24 चीते
बता दें कि मध्य प्रदेश में चीतों का पुनर्वास भारत की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने की यात्रा की शुरुआत है। 2022 में, प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को भारत में लाया गया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से चीतों की दूसरी खेप भारत लाई गई थी। पीएम मोदी ने अपने जन्म दिन पर इन चीतों को
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए तैयार किए गए बाड़ों में छोड़ा था। वर्तमान में इनकी संख्या 24 थी, जो अब निर्वाह के शावकों की संख्या मिलकर चीतों की संख्या 28 हो गई है।
जन्म दर के बीच जारी रहा मौतों का सिलसिला
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में कुनबा बढ़ने के साथ ही यहां मौतों का सिलसिला भी चला। कूनो में अब तक 8 वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें तीन मादा और पांच नर शामिल हैं। बता दें कि सबसे पहले भारत की धरती मध्य प्रदेश में नामीबियाई फिर दक्षिण अफ्रीकी मादा चीतों ने कूनो में अपना कुनबा बढ़ाया। अब एक बार फिर दक्षिण अफ्रीकी चीता निर्वाह ने खुशखबरी दी है।
पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी पहल की सफलता
अधिकारियों का कहना है कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस महत्वाकांक्षी पहल की सफलता है, जिसके तहत 1952 में भारत में विलुप्त घोषित की गई प्रजाति को पुनः अस्तित्व में लाया गया है। बता दें कि वीरा की गर्भावस्था की खबर ने चीता प्रोजेक्ट संभाल रहे अधिकारियों, वनकर्मियों को ही नहीं बल्कि देशभर के वाइल्डलाइफ लवर्स को भी उत्साह से भर दिया था, लेकिन अब इस खबर से उन्हें जरूर झटका लगा कि आखिर फीमेल चीता का नामा वीरा से निर्वाह कैसे हो गया।
चीतों को रास आ रहा कूनो नेशनल पार्क
निर्वाह की सफल डिलीवरी ने चीता प्रोजेक्ट के तहत चीतों के प्रजनन से साफ है कि कूनो नेशनल पार्क की आबोहवा चीतों को रास आ गई है। कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल जश्न का माहौल है। वन्यजीव मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, है कि ‘इस विकास को भारत में चीता की स्थायी आबादी स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे इस प्रजाति के ऐतिहासिक क्षेत्र में पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त होगा।’