script‘पानी’ के लिए तरसेगा एमपी का ये शहर ! 35 फीट नीचे गिरा ‘वॉटर लेवल’ | water level has gone down by 30 to 35 feet | Patrika News
श्योपुर

‘पानी’ के लिए तरसेगा एमपी का ये शहर ! 35 फीट नीचे गिरा ‘वॉटर लेवल’

Mp news: मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक शहर का वॉटर लेवल 95 से 100 फीट करीब चल रहा था, जो 15 दिनों के अंदर ही 30 से 35 फीट नीचे चला गया है।

श्योपुरMar 31, 2025 / 06:27 pm

Astha Awasthi

water level

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Mp news: एमपी के श्योपुर शहर में पानी की कमी नहीं है, यह बात शहर के हर आदमी की जुंबा पर बनी रहती है, क्योंकि नगरीय क्षेत्र के सभी 23 वार्डों में नगर पालिका द्वारा खनन कराई गई बोरिंग के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है। नगर के सभी वार्डों में नपा ने कहीं 6 तो कहीं 7-8 बोरिंग खनन किए हुए है।
इन्हीं के माध्यम से सभी वार्डों में बिछाई गई पानी की पाइप लाइनों से घर-घर पानी पहुंचता है। पानी सप्लाई के लिए की गई व्यवस्था आमजन के लिए तो ठीक है, लेकिन यह व्यवस्था जल संकट की ओर जाती हुई दिखाई दे रही है, क्योंकि गर्मी की शुरूआत में ही शहर का जलस्तर 30 से 35 फीट नीचे जा चुका है।

30 से 35 फीट नीचे चला गया वाटर लेवल

मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक शहर का वॉटर लेवल 95 से 100 फीट करीब चल रहा था, जो 15 दिनों के अंदर ही 30 से 35 फीट नीचे चला गया है। वर्तमान में शहर का वाटर लेबल 130 से 135 फीट करीब चल रहा है, जिसके आगामी अप्रैल माह से और अधिक नीचे जाने की संभावना है। शहर के 23 वार्डों के रहवासियों के लिए नगर पालिका द्वारा खनन कराई गई 141 बोरिंग के माध्यम से पानी सप्लाई होता है, लेकिन पानी के अधिक मात्रा में दोहन किए जाने और पानी का मूल्य न समझ नहीं आने के कारण जल स्तर रसातल की और जाता दिखाई दे रहा है।
नगर पालिका की बोरिंग के अलावा शहर में विकसित हो रही कॉलोनियों में लोगों द्वारा बड़ी संख्या में निजी बोर कराए जा रहे है, जिसका असर भी जलस्तर पर पड़ रहा है। हालांकि, अप्रैल से मई, जून व जुलाई माह में पडऩे वाली भीषण गर्मी और पानी के लगातार हो रहे उठाव के कारण जलस्तर 220 फीट से नीचे चला जाएगा। क्योंकि, पिछले वर्ष पड़ी भीषण गर्मी के चलते जलस्तर 210 से 220 फीट से नीचे चला गया था। इसके बाद भी यदि अच्छी बारिश नहीं हुई तो नगर के साथ ही आसपास के क्षेत्र में भी जल संकट गहरा सकता है।

जुलाई अगस्त में आती है पानी की धार

जुलाई माह में शुरू होने वाली बारिश के बाद अगस्त तक भूमि में पानी की धारा बहती है, लेकिन आसपास के क्षेत्रों में होने वाली खेती के दौरान पंप चलने से एक बार जल स्तर नीचे चला जाता है, जिससे पानी की कमी खलती है। लेकिन यह व्यवस्था क्षेत्र में होने वाली बारिश के ऊपर निर्भर करती है। यदि अच्छी बारिश हुई और नदी नालों में पर्याप्त पानी आता रहा तो वाटर लेबल बढ़ जाएगा, अन्यथा जल संकट गहरा सकता है।
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शहर में अवैध नल कनेक्शन बन रहे बाधा

शहर के 23 वार्डो में 141 बोरिंग नगर पालिका द्वारा संचालित करवाई जा रही है, जिसके संचालन के लिए 61 कर्मचारी तैनात है। लेकिन वार्डों में अवैध नल कनेक्शनों की संख्या अधिक होने के कारण ज्यादातर पानी व्यर्थ ही नालियों में बह जाता है। नगर में 4 हजार से अधिक अवैध नल कनेक्शन है, हालांकि, अवैध नल कनेक्शनों को चिंहित करने के लिए नपा सीएमओ ने पंप संचालकों को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ।

नदियां सूख रही, आवक नहीं है

नगर में यूं तो चारों और ही छोटी-बड़ी नदियां है, जिसमें तो पूरी तरह से सूख गई है तो कुछ सूखने की कगार की ओर जा रही है। ऐसे में पानी की आवक नहीं होने ओर अधिक दोहन होने के कारण वाटर लेबल नीचे गिर रहा है। इसके अलावा पूरा नगर नपा की बोरिंग पर ही आश्रित बना हुआ है, ऐसे में लगातार भूमि से पानी का उठाव होने हो रहा है, और आवक नहीं हो रही तो जलस्तर भी नीचे गिरता जा रहा है।

ये भी जानिए

नगर में वार्ड – 23
वर्तमान जल स्तर – 130-135 फीट
15 पहले जलस्तर – 95-100 फीट
नगर पालिका की बोरिंग – 141
पंप संचालक – 61
अवैध नल कनेक्शन – 4 हजार से अधिक

30 से 35 फीट जलस्तर गिरा है, जो गर्मी बढ़ने के साथ ओर नीचे जाएगा। जुलाई-अगस्त की बारिश के बाद ही जलस्तर सामान्य हो पाएगा, क्योंकि, नपा की बोरिंग पर ही शहर आश्रित है। पानी का लगातार उठाव होना और आवक नहीं होने से यह समस्या आती है।- पवन गर्ग, सब इंजीनियर, नपा श्योपुर

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