7 मार्च को हुई थी अधिसूचना जारी
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 मार्च को ही माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी, और अब इसे विधिवत रूप से टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हो गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंत्री सिंधिया माधव नेशनल पार्क में तीन बाघ लाए थे। तभी से इसके टाइगर रिजर्व बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई थीं।
2021 में हुई थी योजना पर चर्चा
अगस्त 2021 में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तत्कालीन केंद्रीय श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर इस योजना पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके बाद से ही माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 10 मार्च 2023 को 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद इस पार्क में बाघ की दहाड़ गूंजी थी, जब पहली बार यहां एक साथ तीन बाघ लाए गए थे। पन्ना टाइगर रिजर्व से आई बाघिन
शिवपुरी के पार्क में पन्ना टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन को छोड़ा गया। इस बाघिन का नाम पी-234(23)22 है और इसकी उम्र करीब 25 माह है। इसे पहले ट्रैंकुलाइज किया गया और फिर इसके गले में एक कॉलर आईडी लगाई गई।
पर्यटकों की सुविधा के लिए सफारी वाहन, शॉप और कैफेटेरिया
पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए माधव टाइगर रिजर्व में कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। केंद्रीय मंत्री सिंधिया के प्रयासों से 24 लाख रुपये की लागत से दो सफारी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए एक सॉविनियर शॉप और कैफेटेरिया भी बनाया गया है। साथ ही, पार्क भ्रमण के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी शुरू करवाई गई है।
सैलिंग क्लब, घंटाघर और बारादरी का होगा जीर्णोद्धार
पार्क के अंदर स्थित सैलिंग क्लब के दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मुख्यमंत्री से सैलिंग क्लब, घंटाघर और बारादरी के जीर्णोद्धार की मांग रखी। इसके साथ ही, उन्होंने सांय सागर झील में दो मोटरबोट और पार्क में दो अतिरिक्त सफारी वाहन उपलब्ध कराने की भी मांग की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन सभी मांगों को तुरंत स्वीकृति देते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक बजट जारी किया जाएगा। 13.5 किमी लंबी चारदीवारी का काम पूरा
माधव टाइगर रिजर्व और शहर के बीच सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 6 अक्टूबर 2023 को 13.5 किलोमीटर लंबी और 13.32 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली चारदीवारी का भूमि पूजन किया गया था। अब इस बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस दीवार से वन्यजीव शहरी क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएंगे और न ही बाहरी व्यक्ति अवैध रूप से पार्क में प्रवेश कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने टाइगर रिजर्व के प्रतीक चिन्ह का विमोचन भी किया।
पन्ना टाइगर रिजर्व से आई बाघिन
शिवपुरी के पार्क में आज पन्ना टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन को छोड़ा गया। इस बाघिन का नाम पी-234(23)22 है और इसकी उम्र करीब 25 माह है। इसे पहले ट्रैंकुलाइज किया गया और फिर इसके गले में एक कॉलर आईडी लगाई गई। सोमवार सुबह 8 बजे बाघिन को पन्ना से रवाना किया गया और दोपहर 2 बजे यह शिवपुरी पहुंच गई। बाघिन के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी राजवेन्द्र मिश्रा, कूनो के डॉ. जितेंद्र जाटव और रूप कुमार दीक्षित भी शिवपुरी आए। 375 वर्ग किमी क्षेत्र के साथ 1200 किमी का बफर जोन
माधव टाइगर रिजर्व प्रदेश का 9वां और देश का 58वां टाइगर रिजर्व बन गया है। पहले इसका क्षेत्रफल 375 वर्ग किलोमीटर था, लेकिन अब इसमें 1200 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन भी जोड़ा गया है। आगामी समय में शिवपुरी वन मंडल भी टाइगर रिजर्व में शामिल हो सकता है। इस टाइगर रिजर्व में बाघ के साथ ही तेंदुआ, भेड़िया, सियार, साही, अजगर, मगरमच्छ, चिंकारा सहित कई वन्यजीव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
वॉच टावर पर पहुंचा 19 वाहनों का काफिला
कार्यक्रम के तहत पहले से ही यह तय किया गया था कि सैलिंग क्लब से वॉच टावर तक कौन-कौन से जनप्रतिनिधि और अधिकारी जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, ऊर्जा मंत्री, भाजपा जिला अध्यक्ष, पूर्व जिला अध्यक्ष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी 19 वाहनों के काफिले के साथ वॉच टावर तक पहुंचे। स्थानीय नेताओं और मीडिया को दूर रखा गया
कार्यक्रम का रोचक पहलू यह रहा कि कोलारस से तीन बार विधायक रहे ओमप्रकाश खटीक को सैलिंग क्लब पर ही रोक दिया गया, जबकि अन्य सभी नेता वॉच टावर तक चले गए। इसके अलावा, आयोजन समिति ने स्थानीय मीडिया से दूरी बनाए रखी। पहले मुख्यमंत्री को सैलिंग क्लब पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, लेकिन जब वे बाघिन छोड़ने के बाद वापस लौटे, तो केवल कार्यक्रम से जुड़े कुछ बिंदु बताए और बिना सवाल-जवाब किए वहां से रवाना हो गए।