राजस्थान: 85 हजार लोगों के राशन कार्ड से कटे नाम, 280 अपात्रों को वसूली की नोटिस
गिवअप अभियान के दौरान सीकर जिले में 196,243 नए पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ा गया है। साथ ही 280 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
85 हजार लोगों के राशन कार्ड से कटे नाम। ( फाइल फोटो- पत्रिका )
सीकर। राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर में चलाए जा रहे गिवअप अभियान के अंतर्गत सीकर जिले में अब तक 85,442 व्यक्तियों ने स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) का लाभ छोड़ दिया है। यह कदम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित उस पहल का हिस्सा है, जिसमें वंचित और जरूरतमंद लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया है।
जिला रसद अधिकारी विजेंद्र पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गिवअप अभियान 1 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था। अभियान का उद्देश्य था कि वे लोग जो पात्रता की श्रेणियों में नहीं आते और फिर भी योजना का लाभ ले रहे हैं, वे स्वेच्छा से इस योजना से बाहर हों, जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकें।
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इन लोगों को राशन योजना से किया जाएगा बाहर
खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्र लोगों को बाहर करने के लिए सरकार ने कुछ स्पष्ट मानदंड तय किए हैं। इनमें वे परिवार शामिल हैं जिनका कोई सदस्य आयकरदाता है, जिनके परिवार में कोई सरकारी, अर्द्धसरकारी या स्वायत्तशासी संस्था में कार्यरत हो, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो या जिनके पास चार पहिया वाहन (ट्रेक्टर जैसे जीविकोपार्जन के लिए प्रयुक्त वाहन को छोड़कर) हो। इन सभी मापदंडों के आधार पर जिले में अपात्र लाभार्थियों की पहचान की जा रही है।
करीब 2 लाख नए पात्र योजना में शामिल
सीकर जिले में अब तक 196,243 नए पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जा चुका है। इससे स्पष्ट है कि गिवअप अभियान से खाली हुई जगह को जरूरतमंदों से भरा जा रहा है ताकि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
280 लोगों से की जाएगी वसूली
जिला रसद अधिकारी ने बताया कि सीकर जिले में अभी तक 280 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिनसे वसूली की प्रक्रिया आरंभ की जा रही है। अपात्र लाभार्थियों से योजना में लिए गए राशन की वसूली की जाएगी और भविष्य में उन्हें योजना से पूर्णतः बाहर किया जाएगा।
अपात्र लोगों की बन रही सूची
इसके साथ ही, अभियान को और सघन बनाने के लिए खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक अब जिले की प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर औचक निरीक्षण करेंगे। वे प्रतिदिन कम से कम पांच दुकानों पर जाकर वहां लाभ ले रहे लोगों की पात्रता की जांच करेंगे। इस प्रक्रिया में उचित मूल्य दुकानदारों का सहयोग लिया जाएगा, जिससे अपात्र व्यक्तियों की पहचान कर सूची तैयार की जा सके।
खाद्य विभाग शीघ्र ही परिवहन विभाग से जिले में चार पहिया वाहन स्वामियों का डेटा एकत्र कर रहा है। इस डेटा का उपयोग कर ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी, जो खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं जबकि उनके पास अपात्रता का आधार मौजूद है। इन लोगों को भी नोटिस भेजे जाएंगे और उनसे वसूली की कार्यवाही की जाएगी।
हकदार लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
गिवअप अभियान के माध्यम से राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अब सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो वास्तव में इसके हकदार हैं। यह प्रयास सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर पात्र व्यक्ति को उसका हक मिले और कोई भी जरूरतमंद पीछे न रह जाए।