जिला कलेक्टर ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि रीगंस को पंचायत समिति बनाने के लिए सकारात्मक पहल कर राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाने का आश्वासन दिया। प्रशासनिक कार्रवाई राज्य सरकार को सकारात्मक रूप से भिजवाई जाएगी। रैली डाक बंगला सीकर से जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंची। इसके बाद विशाल धरना प्रदर्शन दिया गया।
रैली में 35 गांवों के लोग पहुंचे
संघर्ष समिति के प्रेस प्रवक्ता केसाराम धायल व पंचायत समिति सदस्य जितेंद्र सिंह बाजिया ने बताया कि रैली में लगभग 35 गांव के लोगों ने भाग लिया। ग्राम पंचायत सरगोठ, जैतूसर, मालाकाली, पटवारी का बास, कांसरड़ा, मलिकपुर, ठीकरिया, बावड़ी, लाखनी, लांपुवा, चोमूपुरोहितान, आभावास, दादियारामपुरा, कोटडीधायलान, तपीपल्या , ढाल्यावास, पुजारी का बास, गोविंदपुरा सहित अन्य गांवों के लोग उपस्थित रहे।
सभी ग्राम पंचायत के प्रशंसकों ने रखी ये मांग
सभी ग्राम पंचायत के प्रशंसकों ने जिला कलेक्टर को लिखित में ज्ञापन दिया है कि रींगस पंचायत समिति सभी मापदंड पूरा कर रही है। और सभी राजनीतिक मतभेद बुलाकर सभी राजनीतिक जनप्रतिनिधियों ने एक राय से लिखित में रींगस को पंचायत समिति बनाने के लिए सकारात्मक सोच के साथ मिलकर आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान की 18 पंचायत समिति और 5-6 नवसृजित ग्राम पंचायत बनने पर करीब 23-24 ग्राम पंचायतें होती है। रींगस पंचायत समिति सभी मापदंड पूरा कर रही है। ऐसे में रींगस को पंचायत समिति बनाना अतिआवश्यक है। इससे रींगस क्षेत्र के 35-40 गांव के लोगों को अपने कार्यों के लिए खंडेला नहीं जाना पड़ेगा और सभी काम रींगस में ही होने लगेंगे। मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
संघर्ष समिति ने आगे आन्दोलन जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि रीगंस क्षेत्र की जनता को साथ लेकर संघर्ष ओर तेज करने का निर्णय लिया। संघर्ष समिति ने कहा कि रीगंस पंचायत समिति बनने के सभी मापदण्ड पूरा कर रही है और रीगंस पंचायत समिति बनकर रहेगी।