इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया और भाजपा पर जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाया।
डोटासरा बोले- पर्चियों से चल रही सरकार
डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अक्ल मोल नहीं मिलती, यह तो खुद में होती है। लेकिन इस सरकार को कोई सही सलाह देने वाला ही नहीं है। यह पर्चियों से बनी है और पर्चियों से ही सरकार चला रही है। उन्होंने राज्य सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब खुद इनके मंत्री कह रहे हैं कि सरकार पर्चियों से चलती है, तो जनता को क्या उम्मीद करनी चाहिए? डोटासरा ने कहा कि जनता सब देख रही है और आने वाले चुनाव में भाजपा सरकार को इसका करारा जवाब देगी।
संभाग खत्म तो नगर निगम कैसे बनेगा?
डोटासरा ने कहा कि सीकर संभाग समाप्त होने के बाद नगर निगम बनाने की बात बेमानी हो गई है। उन्होंने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पहले नीमकाथाना में नगर निगम की बात कही थी, अब वापस सीकर में आ गए हैं। लेकिन न तो नगर परिषद की सीमा बढ़ी है और न ही नगर निगम की प्रक्रिया पूरी हुई है। ‘भाजपा सरकार चुनाव से डर रही है’
डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ कागजों पर परिसीमन की बातें कर रही है, लेकिन असल में चुनाव करवाने की मंशा नहीं रखती। उन्होंने कहा कि यह सरकार परिसीमन की प्रक्रिया को बार-बार आगे बढ़ा रही है, क्योंकि उन्हें पता है कि चुनाव हुआ तो उनकी असली स्थिति का खुलासा हो जाएगा। कानून के मुताबिक, परिसीमन फाइनल होने के 6 महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है, लेकिन सरकार सिर्फ बहाने बना रही है।
एक झटके में खत्म किए जिले और संभाग
डोटासरा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली से आई एक पर्ची के आधार पर सरकार ने 9 जिले और 3 संभागों को एक झटके में समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2 साल पहले जनता को राहत देने के लिए 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही इसे खत्म करने का निर्णय ले लिया। डोटासरा ने कहा कि अगर भाजपा सरकार ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी और सीकर को संभाग तथा नीमकाथाना को जिला घोषित नहीं किया, तो कांग्रेस की सरकार बनते ही पहला निर्णय इन दोनों को बहाल करने का होगा। हमारी सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को पुनः स्थापित किया जाएगा। साथ ही, अन्य प्रभावित जिलों को लेकर भी सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।
अब राजस्थान में कुल 41 जिले, 7 संभाग
गौरतलब है कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछले दिनों हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया था। कैबिनेट बैठक में गहलोत सरकार में बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस फैसले के साथ अब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 41 और संभागों की संख्या 7 हो गई है। हालांकि गहलोत राज में बनाए 17 जिलों में 8 जिले यथावत रहेंगे।