उनकी पार्थिव देह को दांतारामगढ़ के उनके पैतृक गांव शिवभगवानपुरा लाया गया, जहां 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में स्कूलों के बच्चों और ग्रामीणों ने भाग लिया और पुष्प वर्षा की। यात्रा के दौरान देशभक्ति के नारे गूंज उठे, जिससे पूरा कस्बा जोश से भर गया। अंतिम संस्कार के वक्त जयपुर से आए जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
पार्थिव देह के गांव पहुंचते ही मच गया कोहराम
लोकेश की पार्थिव देह के गांव पहुंचने पर उनके परिजनों ने उसे अपने गले से लगा लिया और शोक में डूब गए। इकलौते बेटे का शव देखकर माता-पिता फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं, जवान की बड़ी बहन बेसुध हो गई। रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने जवान के परिजनों को संभाला।
लोकेश की बड़ी बहन को सौंपा तिरंगा
लोकेश अपने माता मुलीदेवी व पिता परमाराम का इकलौता पुत्र था, सेना के अधिकारियों ने तिरंगा लोकेश की बड़ी बहिन उर्मिला को सौंपा। जानकारी अनुसार लोकेश का जन्म 7 मई 2001 को हुआ था, और उन्होंने 7 फरवरी 2020 में भारतीय नौसेना में भर्ती होकर देश की सेवा शुरू की थी।
जवान को अंतिम विदाई देने उमड़े सैकड़ों लोग
सैकड़ों लोगों ने जवान लोकेश बुरड़क को अंतिम विदाई दी। लोकप्रिय नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। धोद के पूर्व विधायक पेमाराम, भाजपा नेता गजानंद कुमावत, प्रधान प्रतिनिधि प्रभू सिंह शेखावत, माकपा नेता इंद्र सिंह लाम्बा, दांतारामगढ़ उपखण्ड अधिकारी मोनिका सामौर, तहसीलदार महिपाल सिंह, दांतारामगढ़ डिप्टी कैलाश कंवर, जीणमाता थानाधिकारी दिलीप सिंह सहित अन्य स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने उनके सम्मान में पुष्प अर्पित किए।