37 कैदियों को रोटेशन से मिलेगा रोजगार
आईओसीएल के पेट्रोल पंप का संचालन अच्छे आचरण वाले ओपन जेल के बंदी करेंगे। वर्तमान में सीकर के कारागृह में 37 बंदी हैं। इन्हें तीन पारियों में काम करने के लिए रोटेशन से नियुक्त किया जाएगा। काम के बदले प्रति बंदी को करीब 450 रुपए वेतन मिलेगा। सुरक्षा के लिए यहां हर समय सिपाही तैनात होंगे। पंप पर कोई भी वाहन चालक पेट्रोल-डीजल ले सकेगा।पेड़ हटाने का हो रहा विरोध
पेट्रोल पंप की जगह पर मनसुख रणवां संस्थान की ओर से करीब तीन साल पहले पौधे लगाए गए थे। ये पौधे अब पेड़ का रूप लेकर फल देने लगे हैं। पेट्रोल पंप बनाने के लिए उनमें से 25 से ज्यादा पेड़ हटाने पड़ेंगे। इसका संस्थान ने विरोध किया है। अध्यक्ष दुर्गा रणवां ने बताया कि पंप कारागृह के मुख्य गेट के पास बनाएं तो इससे पेड़ों को बचाया जा सकता है। उनका कहना है कि दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे तो भी ये पेड़ बचेंगे नहीं।जगह को लेकर इसलिए विवाद…
पेट्रोल पंप के लिए चिन्हित जगह के सामने ही ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान है, जो बच्चियों की सुरक्षा के लिहाज से पंप हस्तांतरण की मांग कर रही है। समिति अध्यक्ष झाबरमल ने बताया कि संस्थान में करीब 2800 बालिका पढ़ती है। स्कूल के सामने भादवासी रोड के कट से बहुत सी स्कूल बसें बच्चों का लाती-ले जाती है। ऐसे में पेट्रोल पंप से दुर्घटना की आशंका बढ़ेगी। बच्चियों की सुरक्षा के लिहाज से भी बंदियों का पंप संस्था के सामने उचित नहीं है। मामले में कलक्टर को भी ज्ञापन दिया गया है।जेल प्रशासन का तर्क : एक की जगह दो पेड़ लगवाएंगे
सुुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल विभाग आइओसीएल के साथ मिलकर बंदियों के रोजगार के लिए पेट्रोल पंप का संचालन करेगा। इससे ओपन जेल के बंदी परिवार पालन योग्य बनते हुए समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। हालांकि पेट्रोल पंप के लिए जगह मेरे आने से पहले ही तय हो गई थी। अब पेड़ काटे नहीं जाएंगे, बल्कि उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। उच्च अधिकारियों ने आइओसीएल कंपनी से भी एक पेड़ काटने के बदले दो पेड़ लगाने की शर्त रख दी है।रामकिशन मीणा, जेल अधीक्षक, जिला कारागृह, सीकर
पेड़ों को काटना ठीक नहीं : स्वयंसेवी संगठन
बंदियों के रोजगार के लिए पंप खुलना अच्छी बात है, लेकिन इस नवाचार के लिए पेड़ों के साथ दुराचार ठीक नहीं। पेड़ों के आकार व मौसम के मुताबिक शिफ्ट करने पर भी वे बच नहीं सकेंगे। जेल प्रशासन को कारागृह के दरवाजे के पास पंप बनाकर पेड़ों को बचाना चाहिए। मिंजर आए हुए आम के पेड़ों को नष्ट करना मानवीय व पर्यावरणीय दोनों तरीके से गलत है।दुर्गादेवी रणवां, अध्यक्ष, मनसुख रणवां मनु स्मृति संस्थान, सीकर