शिवजी के तीन बाण देने व बर्बरीक के शीश दान की सजेगी झांकी
इस बार मंदिर में भगवान शंकर से वरदान में तीन बाण लेते और भगवान श्रीकृष्ण को शीश का दान करते बर्बरीक की विहंगम झांकी आकर्षण का मुख्य केंद्र होगी। मंदिर प्रांगण में गोपियों संग नृत्य करते राधा कृष्ण, फूलों से श्रृंगारित’हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा’, ‘जयश्री श्याम’ व ‘राधेश्याम’ के स्लोगन तथा सिंहद्वार पर गायत्री मंत्र भी श्याम भक्तों का मन मोहेंगे। श्रीश्याम मंदिर कमेटी अध्यक्ष पृथ्वीसिंह चौहान, मंत्री मानवेन्द्र सिंह व कोषाध्यक्ष कालूसिंह चौहान ने बताया कि कमेटी ने मेले की तैयारी पूरी कर ली है। मेला मजिस्ट्रेट मोनिका सामोर ने भी श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन का दावा किया है।
आठ देशों के फूलों से सजेगा दरबार
उत्सव वेडिंग डिजाइन कंपनी के निदेशक अविराम पात्रा ने बताया कि मेले में मंदिर परिसर को होलेंड, साउथ अफ्रीका, कोलंबिया, न्यूजीलैंड, चीन, इटली, बैंकाक के हाइडेंजिया, पिनोनोप्सी, इंपोशिया, डिशबर्ड, रेड बेरी, ऑर्चिड सहित 20 प्रकार की विभिन्न प्रजाती के फूलों सहित भारत के गुलाब, कार्निशियन, लीली एंथोरियम, एल्कोनिया, किशतिवाम सहित 65 किस्म के फूलों से सजाया जाएगा।
पद यात्राएं हुई शुरू
बाबा श्याम के मेले के लिए श्याम भक्तों की पदयात्राओं का दौर गुरुवार से ही शुरू हो गया। कई मंडलों ने इस दौरान खाटूश्यामजी पहुंचकर बाबा श्याम के निशान अर्पित किए। वहीं, देश— प्रदेश से आने वाले हजारों भक्तों व मंडलों ने भी अपने- अपने स्थान से यात्राएं शुरू कर दी है, जो मेले में अलग- अलग समय पहुंचेगी।
धर्मशाला, होटल व गेस्टहाउस में फुल बुकिंग
मेले से पहले ही खाटूश्यामजी व आसपास की 500 से ज्यादा धर्मशालाएं, होटल व गेस्टहाउस बुक हो गए हैं। बाकी में भी बुकिंग तेजी से हो रही है। यात्रियों के स्वागत में कई यात्री निवासों को फूल माला व रोशनी से सजाया जा रहा है।
लगाए जा रहे है भण्डारें
बाबा श्याम के मेलें के लिए रींगस से लेकर सरकारी पार्किंग तक भण्डारे लगाए जा रहे हैं। 16 किलोमीटर के इस मार्ग पर करीब दर्जनों भण्डारे लगेंगें। इनके पाण्डाल लगभग तैयार हो चुके हैं। मेले में बढ़ती भीड़ के साथ ही इनका संचालन शुरू हो जाएगा।
सजने लगी दुकानें
मेले को लेकर बाजार में दुकाने सजकर तैयार हो गई है। मेले में खान पान,चूरन, सुखी सब्जी, खिलौने, साडिय़ा, रजाई,कुर्ता पजामा व अन्य रेडिमेड कपड़े, रंग-गुलाल, सिन्दुर आदि अनेक प्रकार की दुकाने लगी है। मनोंरजन के लिए झूले, सर्कस आदि भी लगाए जा रहे है।
खाटू में इस रास्ते होगा होगा प्रवेश
पदयात्री: रींगस रोड से होगा प्रवेश, कम हुई दूरी
पदयात्री केवल रींगस मोड़ से ही खाटूश्यामजी आ सकेंगे। उनकी वापसी भी उसी मार्ग से होगी। बाबा श्याम के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को खाटूश्यामजी में करीब 12 किमी की पदयात्रा करनी होगी। जो पहले करीब 15 किमी की थी।
वाहन: मंढा मोड़ से प्रवेश, शाहपुरा से निकासी
मेले में वाहनों का प्रवेश एनएच 52 स्थित मंढा मोड़ से होगा। इस रूट से वाहन हनुमानपुरा होते हुए रींगस रोड पर बनी 52 बीघा सरकारी पार्किंग में पहुंचेंगे। वाहनों की निकासी शाहपुरा होते हुए एनएच 52 से होगी। जरूरत के हिसाब से अलोदा व सांवलपुरा रूट को भी काम लिया जाएगा। दांतारामगढ़ से आने वाले श्रद्धालु सीधे लखदातारा मैदान में प्रवेश मिल सकेगा।
यूं पहुंच सकेंगे मंदिर
खाटू आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार पहले रींगस रोड पर नगरपालिका के सामने से गुणगान नगर के रास्ते से मुख्य प्रवेश मार्ग से प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु खटीकान मोहल्ले से केरपुरा तिराहे से चारण मैदान में बने जिगजैग से होते हुए लखदातार मैदान में बने जिगजैग को पार करते हुए मोक्षधाम से कुमावत कृषि फार्म तक के रास्ते से गुजरेंगे। यहां से भक्तों को 75 फीट के मुख्य मेला मैदान से 14 सीधी लाइनों से मंदिर में पहुंचना होगा। इस रूट में चारण मैदान का उपयोग तभी होगा जब भीड़ का दबाव बढ़ेगा। ये रहेगी व्यवस्था
- 11 फरवरी तक चलेगा मेला
5000 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात
1500 छातों से होगी श्रद्धालुओं की छांव 400 कैमरों से होगी मेले की निगरानी 325 चिकित्साकर्मी रहेंगे मौजूद 150 कारीगर सजाएंगे बाबा का दरबार
22 एंबुलेंस रहेगी तैनात 14 हेड कैमरे करेंगे श्रद्धालुओं की गणना 12 स्थानों पर लगेंगे मेडिकल शिविर 12 बाइक एंबुलेंस करेगी मदद 6 ड्रोन से होगी निगरानी 4 लाइफलाइन एंबुलेंस होगी नियुक्त
8 देशों के फूलों से सजेंगे श्याम सरकार