परिवहन विभाग ने किया खुलासा
जब परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इसे जांचा तो सारा गड़बड़झाला पकड़ में आ गया। इसके चलते पिछले छह माह से ओवरब्रिज पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस बारे में जब अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया तो पीडब्ल्यूडी एनएच के एईएन हिमांशु ने भूमि अधिग्रहण को अधूरा बताया।विधायक ने नहीं उठाया फोन
हालांकि, एसडीएम मीना वर्मा ने स्पष्ट किया कि डीपीआर के अनुसार जमीन अधिग्रहण कर ठेकेदार को सौंप दी गई थी। वहीं झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू से तीन दिन तक फोन पर बात करने का प्रयास किया और उन्हें मैसेज भी किए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया।इन कंपनियों पर जुर्माना
डीटीओ चूरू कार्यालय के परिवहन निरीक्षक रोबिनसिंह ने चार कंपनियों- राजेंद्र भांबू एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी झुंझुनूं, टोल कलेक्शन ठेकेदार रामनिवास एंड कंपनी बीकानेर, ओवरब्रिज बनाने वाला ठेकेदार पूनियां कंस्ट्रक्शन कंपनी, हिसार और पीडब्ल्यूडी एनएच शाखा चूरू के एईएन को पार्टी बनाकर यह कार्रवाई की है।एईएन पर लीपापोती का आरोप
पीडब्ल्यूडी एनएच शाखा चूरू के एईएन पर मामले को दबाने और पूनियां कंस्ट्रक्शन कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप है। ठेकेदार ने ओवरब्रिज को नियमानुसार पुनर्निर्माण के बजाय सेंटर लाइन और किनारों की सफेद पट्टी हटा दी, ताकि सड़क की वास्तविक चौड़ाई का पता न चले।आंखों में धूल झोंकने की कोशिश
पिलानी से राजगढ़ तक 40 किलोमीटर के हाईवे का निर्माण राजेंद्र भांबूू एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी, झुंझुनूं ने चार साल पहले ही करवाया था। हाईवे का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है। रड़वा ओवरब्रिज बारिश में टूट गया। ठेकेदार कम्पनी ने इसे मरम्मत करने के बजाय सात फीट छोटा कर दिया। दूसरी ओर पिलानी- राजगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग -709 पर थिरपाली टोल से लगातार तीन साल से टोल वसूला जा रहा है, जबकि इस हाईवे का निर्माण कार्य कई जगह पूरा नहीं हुआ है।भूमि अधिग्रहण पूरा नहीं किया गया…
भूमि अधिग्रहण पूरा नहीं होने के चलते सात फीट अतिरिक्त ओवरब्रिज नहीं बन सका। इसके लिए हमने एसडीएम को पत्र भी लिखा है। सड़क हादसे नहीं हों इसके लिए सेफ्टी के लिए रोड के दोनों ओर मेट बीम क्रेश बैरियर, कैटाइज लगाई है।हिमांशु, एईएन, पीडब्ल्यूडी एनएच शाखा, चूरू
जितनी जमीन चाही, अवाप्त कर सौंपी
एनएच के अधिकारियों ने डीपीआर के अनुसार जितनी भूमि अधिग्रहण के लिए हमें लिखा था, उतने खसरों की जमीन अवाप्त कर हमने उन्हें सौंपी दी थी। उसके बाद ही ओवरब्रिज का काम शुरू हो पाया। ओवरब्रिज का कुछ हिस्सा बारिश में टूटा तो इन्होंने उसे पूरा नहीं बनाया। पीडब्ल्यूडी एनएच के अधिकारी अब अपने बचाव के लिए मामला हम पर डाल रहे हैं।मीना वर्मा, एसडीएम, राजगढ़, चूरू