Rajasthan: इस बीमारी के खिलाफ राजस्थान के 8 जिलों में शुरू हुआ बड़ा अभियान, घर-घर होगा सर्वे, जानिए वजह
Scabies Disease: अभियान के तहत सिरोही जिले में टीएसपी आबूरोड के सभी गांवों व पिंडवाड़ा ब्लॉक में चयनित टीएसपी क्षेत्र के गांवों में घर-घर सर्वे होगा। बीमारी से पीड़ित लोगों का डाटा तैयार किया जाएगा।
कार्यक्रम में मौजूद एम्स के चिकित्सक, आशा व कर्मचारी। फोटो- पत्रिका
राजस्थान में आठ जिलों में टीएसपी क्षेत्रों के गांव स्केबीज (खुलजी) बीमारी से मुक्त होंगे। प्रदेश में स्केबीज मुक्त अभियान की लॉचिंग सिरोही जिले के आबूरोड से हुई। जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव विभु नायर आईएएस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान का शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने आबूरोड के दानवाव में जोधपुर एम्स के अधीन संचालित सैटेलाइट ट्राइबल सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने अभियान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला व सफलता के लिए प्रेरित किया।
एम्स जोधपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रदीप द्विवेदी ने बीमारी को लेकर सचिव नायर से विचार साझा किए। इस अवसर पर एम्स के डॉ. कुलदीप सिंह, प्रोफेसर गोपाल कृष्ण बोहरा, डॉ. दिनेश चारड़े, डॉ. राखि द्विवेदी, प्रोफेसर शिल्पी गुप्ता दीक्षित, शंकरलाल, एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ, सेंटर के चिकित्साधिकारी, आशा व कर्मचारी मौजूद रहे।
आबूरोड व पिंडवाड़ा में घर-घर होगा सर्वे
अभियान के तहत सिरोही जिले में टीएसपी आबूरोड के सभी गांवों व पिंडवाड़ा ब्लॉक में चयनित टीएसपी क्षेत्र के गांवों में घर-घर सर्वे होगा। बीमारी से पीड़ित लोगों का डाटा तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर उनका उपचार कर गांव को बीमारी से मुक्त बनाया जाएगा।
सिरोही-पाली सहित आठ जिलों का चयन
अभियान अंतर्गत आठ जिलों में टीएसपी ब्लॉकों के गांवों का चयन किया है, जहां के लोगों में स्केबीज बीमारी निर्धारित मानदंड से अधिक लोगों में पाई गई थी। इन जिलों में सिरोही, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, पाली, चित्तौड़गढ़ शामिल हैं।
सिरोही में 35 प्रतिशत बच्चों में स्केबीज बीमारी
केंद्र की ओर से सिरोही जिले में आबूरोड और पिंडवाड़ा ब्लॉक में जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के 28 बालक और बालिकाओं के छात्रवासों में सर्वे करवाया, जिसमें करीब 35 प्रतिशत बच्चे स्केबीज बीमारी से ग्रसित पाए गए थे। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10 प्रतिशत से अधिक स्केबीज बीमारी है तो महामारी की संज्ञा में आती है। इन छात्रावासों के आंकड़ों को गंभीर मानकर आठ जिलों के टीएसपी क्षेत्रों में चयनित प्रत्येक गांव को स्केबीज बीमारी से मुक्त बनाने की योजना तैयार की।
क्यों हुई अभियान की जरूरत
एम्स जोधपुर ने पहल कर आदिवासी विद्यालयों और छात्रावासों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंच कार्यक्रम स्पर्श के तहत आबूरोड के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर लगाकर कक्षा 6 से 12 के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें करीब 30 प्रतिशत से अधिक बच्चे खुजली से ग्रसित मिले।
यह रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली थी। इसके बाद जिले के अन्य छात्रावासों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच की, जहां भी औसत रूप से 35 प्रतिशत बच्चे इस रोग से पीड़ित मिले। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर सिरोही समेत आठ जिलों में टीएसपी क्षेत्रों के गांवों के लिए अभियान की योजना बनाई।
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आशाओं की अहम भूमिका
अभियान की सफलता में आशा सहयोगिनियां की अहम भूमिका रहेगी। प्रथम चरण में आबूरोड के सैटेलाइट ट्राइबल सेंटर में आशाओं का प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसमें उन्हें अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों, बीमारी की पहचान व जिम्मेदारियों की जानकारी दी जाएगी। जिले में करीब 300 आशाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिनके माध्यम से दिसंबर, 2025 तक करीब 10 हजार लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा है।