एनएचएम एमडी भारती दीक्षित के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई ने सभी को चौंका दिया। टीम ने श्रीगंगानगर के एक दलाल की मदद से डिकॉय बनाकर अबोहर भेजा। आरोपी नर्स ने महिला को 35 हजार रुपए में भ्रूण लिंग जांच के लिए एक निजी सेंटर पर ले जाकर बताया कि “लड़का है”, और एक हजार रुपए की बधाई भी मांगी। इशारा मिलते ही टीम ने उसे मौके पर दबोच लिया।
शारदा देवी अबोहर के सिविल हॉस्पिटल से रिटायर्ड हैं और अमृत मॉडल स्कूल के सामने अपनी कोठी में क्लिनिक चलाती थीं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे अबॉर्शन जैसी प्रक्रियाएं भी करती रही हैं। इस केस में एक डॉक्टर का नाम भी सामने आया है, जिसकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है और जांच जारी है। अल्ट्रासाउंड मशीन सीज कर दी गई है।
इस ऑपरेशन में बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और जयपुर से आए अधिकारियों ने भाग लिया। सभी सदस्यों ने फर्ज़ी पति.पत्नी और रिश्तेदार बनकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ हेमंत जाखड़, बीकानेर प्रभारी महेंद्र सिंह चारण, सीआई सतपाल यादव, विक्रम सिंह चंपावत, रणदीप सिंह, विनोद बिश्नोई, हेमंत शर्मा, चंद्रभान और शालू चौधरी शामिल रहे।