जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पंचायत समिति सभागार में हुए कार्यक्रम में तेनगुरिया ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की भूमिका इस प्रक्रिया में अहम है। वे अपनी प्रभावशाली स्थिति से लोगों को सही मार्गदर्शन दे सकते हैं और आपसी विवादों को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे न्याय की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने में मदद करें, ताकि लोग अदालतों के बजाय पहले स्थानीय स्तर पर विवादों का समाधान पा सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से न्याय व्यवस्था पर दबाव कम होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में विवादों का समाधान शांतिपूर्वक हो सकेगा। उन्होंने सरपंचों व वीडीओ को सक्रिय प्रयास कर अधिक से अधिक प्रकरण राजीनामे से निस्तारित करवाने का आह्वान किया। साथ ही बताया कि इस दिशा में अच्छा काम करने वाले व्यक्ति को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में सरपंच सुखविंद्र सिंह रूपनगर, धन्नाराम रड़ेवाला, प्रेमकुमार मोटासरखूनी, सरजीत सिंह 61 एफ, गणपत राम माझीवाला, जगदेव सिंह दो डब्ल्यू, एपीपी इंद्रजीत सिंह बडि़ंग व बार संघ सह सचिव विनय गर्ग आदि अधिवक्ता, जनप्रतिनिधि व कार्मिक शामिल हुए।
लोक अदालत से मिलता है त्वरित व सुलभ न्याय
शिविर के दौरान मंचासीन एडीजे इंदिरा बनेरा कहा कि छोटी प्रवृत्ति के प्रकरणों को सुलटाने के लिए लोक अदालत बेहतर माध्यम है। इससे दोनों पक्षों को कम खर्च में सुलभ व त्वरित न्याय मिलता है। उन्होंने न्याय आपके द्वार अभियान की जानकारी देते हुए जनप्रतिनिधियों को प्री-काउंसलिंग से अधिकाधिक प्रकरणों के निस्तारण कराने का आह्वान किया। एसीजेएम मोहनलाल बेदी ने बताया कि आगामी आठ मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। मंचासीन तहसीलदार डॉ.गिरधारी लाल, बार संघ अध्यक्ष दलजीत सिंह बराड़, एबीडीओ दलजीत सिंह हुंदल, कार्मिक पंकज डंग व ताल्लुका सचिव शुभम कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किए।