पेट्रोल-डीजल की तस्करी: खुलेआम धड़ल्ले से बोतलों में हो रही बिक्री, रसद विभाग की पकड़ ढीली
1 अप्रेल 2022 से 30 अप्रेल 2025 के बीच विभाग ने 12,685 लीटर पेट्रोल, 6,756 लीटर डीजल और 81,775 किलो संदिग्ध पेट्रोलियम जब्त किया, साथ ही आठ वाहन व दो टैंकर भी पकड़े।
सड़क किनारे जगह-जगह पेट्रोल बेचा जा रहा है (फोटो-पत्रिका)
पंजाब की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण श्रीगंगानगर में इनकी तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। रसद विभाग के पास कार्रवाई के अधिकार होने के बावजूद पिछले तीन वर्षों में केवल 87 प्रकरण बनाए गए हैं, जबकि शहर और ग्रामीण इलाकों में 30 से ज्यादा दुकानें अवैध रूप से पेट्रोल-डीजल बेच रही हैं। 1 अप्रेल 2022 से 30 अप्रेल 2025 के बीच विभाग ने 12,685 लीटर पेट्रोल, 6,756 लीटर डीजल और 81,775 किलो संदिग्ध पेट्रोलियम जब्त किया, साथ ही आठ वाहन व दो टैंकर भी पकड़े। बावजूद इसके, रोजमर्रा की निगरानी नहीं हो पा रही। विभाग पुलिस सहयोग की कमी का हवाला दे रहा है।
राज्य सरकार की 1990 की अधिसूचना के तहत काश्तकारों को 1,000 लीटर पेट्रोलियम रखने की छूट दी गई थी, जिसे माफिया ने ढाल बना लिया। सूरतगढ़, अनूपगढ़, रायसिंहनगर सहित कई क्षेत्रों में बैरल प्वाइंट तक बना डाले गए हैं। कानूनविद् भुवनेश शर्मा का कहना है कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 1999 में नोटिफिकेशन जारी किया था, इसमें पेट्रोलियम पदार्थ रखने की सीमा 2500 लीटर मंजूरी दी थी। लेकिन यह छूट विशेष परिस्थितियों के लिए देय थी, लेकिन तस्करों ने इसे भी कानूनी हथियार बना डाला।
हर गली में बोतल में तेल
शहर के भरतनगर, सद्भावना नगर, पदमपुर-करणपुर बाइपास, 10 जैड, हाकमाबाद, मिर्जेवाला तक परचून की दुकानों में खुलेआम बोतलों में तेल बिक रहा है। शहर के बाहरी क्षेत्र में किसी की बाइक में पेट्रोल या चौपहिया में डीजल खत्म हो जाएं तो उसे महंगी दर से तेल खरीदने की मजबूरी रहती है।
हमारे पास इतने संसाधन नहीं है कि पंजाब सीमा पर रोजाना निगरानी रख सके। शिकायत मिलने पर या औचक निरीक्षण के दौरान अवैध परिवहन करने वाले वाहनों को रोककर कार्रवाई भी करते है। पंजाब के लिए सिर्फ साधुवाली ही नहीं कई और भी आवाजाही के रास्ते है। ऐसे में पुलिस प्रशासन का भी सहयोग जरूरी है। अब एसपी को पत्र लिखकर पुलिस की चेक पोस्ट पर जांच कराने का आग्रह करेंगे।
पंजाब के अनुरूप राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की दरें लाने के लिए वैट की दरों की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर प्रदेश संगठन के आह्वान पर दो दिन की हड़ताल भी रखी गई। पंजाब-राजस्थान सहित पूरे प्रदेश में वन नेशन वन प्राइज तभी हो सकती है, जब पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में शामिल हो। ऐसे में पेट्रोल-डीजल पूरे देश में एक ही दाम पर मिल सकेंगे तो यह समस्या स्वत: दूर हो जाएगी।