CG News: छापेमारी में क्या कुछ बरामद हुआ?
मिली जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी
सुकमा के अलावा कोंटा, दोरनापाल और गादीरास क्षेत्र में की गई। जिन कर्मचारियों के घरों पर छापे मारे गए, वे सभी तेंदूपत्ता प्रबंधन से जुड़े हैं। जांच टीम ने सुबह से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। गादीरास में शुक्रवार की सुबह 8 बजे वनकर्मी गणेश पोडियामी के निवास पर छापा मारा गया, जो देर शाम तक चला।
छापेमारी के दौरान बैंकिंग ट्रांजैक्शन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की जांच के साथ-साथ संबंधित कर्मचारियों से गहन पूछताछ भी की गई। हालांकि, कार्रवाई देर शाम तक जारी रहने के कारण अब तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि छापेमारी में क्या कुछ बरामद हुआ है।
आगे भी कार्रवाई तेज करने के संकेत
गौरतलब है कि सुकमा जिले में 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता बोनस राशि के गबन मामले में अब तक कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। गुरुवार को 9 जगहों पर और शुक्रवार को 9 अन्य स्थानों पर एसीबी और ईओडब्लयू की टीमें कार्रवाई कर चुकी हैं। इस कार्रवाई की जद में पूर्व विधायक एवं बस्तरिया राज मोर्चा संयोजक मनीष कुंजाम का घर भी आया था। हालांकि कुंजाम ने इसे राजनीतिक द्वेष से प्रेरित कार्रवाई बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीबी और ईओडब्लयू की यह कार्रवाई आने वाले दिनों में और भी तेज हो सकती है।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एसीबी और ईओडब्लयू द्वारा की गई छापेमार कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता बोनस राशि के गबन की शिकायत उन्होंने स्वयं की थी, लेकिन अब दोषियों को बचाने के लिए उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जा रही है।
कुंजाम ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर बदले की राजनीति के तहत यह छापेमारी की गई। उन्होंने खुलासा किया कि पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने उन्हें जनपद और जिला पंचायत में अपने पक्ष के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनवाने के लिए पैसों और अन्य लालच का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसके बाद रायपुर बुलाकर समझौता करने का प्रयास किया गया, लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चुना।
मामले में कई बड़े अफसरों की संलिप्तता है
उन्होंने बताया कि छापे के दौरान उनके घर से मात्र 70 हजार नकद-जो वाहन बिक्री से संबंधित था – और एक निजी डायरी मिली। कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं पाई गई, फिर भी पुरानी अलमारी, कुर्सी जैसी वस्तुओं तक का हिसाब लिखा गया, जो हास्यास्पद है। कुंजाम ने आरोप लगाया कि
तेंदूपत्ता गबन में डीएफओ अकेले दोषी नहीं हो सकता, इसमें कई बड़े अफसरों की संलिप्तता है, और उन्हीं को बचाने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा है।
छवि खराब करने का प्रयास
CG News: कुंजाम ने कहा कि उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने बस्तर में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर से नक्सलवाद समाप्त होने के बाद क्षेत्र के खनिज संसाधनों पर उद्योगपतियों की नजर है, और सरकार उन्हीं के हित में काम कर रही है। प्रेस वार्ता के दौरान रामा सोडी, हड़माराम, महेश कुंजाम और राजेश नाग उपस्थित रहे।