देश के लोगों से मिलती है प्रेरणा
स्वितोलिना ने तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, खारकिव का मेरे दिल में एक खास स्थान है। यही वह शहर है जहां से 12 साल की उम्र में मैंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी। यहां मुझे हमेशा घर जैसा एहसास हुआ है। यह वही शहर है जो युद्ध के दौरान गर्मजोशी से उसका सामना कर रहा है। अगर आप मुझसे पूछे कि मुझे मैदान में लड़ने की प्रेरणा कहां से मिलती है तो उसका जवाब है मेरा देश, मेरे लोग और मेरा खारकिव। हमारे सैनिक जो मेरी जिंदगी के असली नायक हैं।
मां भी रहीं खिलाड़ी
स्वितोलिना की मां एक पेशेवर बॉल्स खिलाड़ी थीं। स्वितोलिना को खारकिव में टेनिस की ट्रेनिंग के लिए एक किराए के अपार्टमेंट में रहना पड़ा था। वे बताती हैं कि सुबह कोच मुझे उठाया करते थे और शाम को ही मैं वापस आती थी। मैं अंधेरा होने से पहले ही अपने अपार्टमेंट पर आ जाती थी। वे स्वतंत्र जीवन की ओर मेरे पहले कदम थे। बाद में मां ने अपने करियर को विराम देते हुए मेरे साथ रहने का फैसला किया था।
विंबलडन मैच के दौरान रो पड़ी थीं स्वितोलिना
स्वितोलिना अपने देश में जारी युद्ध से बेहद दुखी हैं। वे कई बार इस बारे में बात कर चुकी हैं। इस साल स्वितोलिना चीन की वांग जिन्यू को हराकर विंबलडन क्वार्टरफाइनल में पहुंची थीं। मैच के बाद वह कोर्ट पर अपने साक्षात्कार के दौरान रो पड़ी थीं। ऑल-इंग्लैंड क्लब से विशेष अनुमति के बाद, अपने विंबलडन व्हाइट्स पर एक काला रिबन पहने हुए, स्वितोलिना ने कहा था, आज यूक्रेनी लोगों के लिए बहुत मुश्किल दिन है। आज मैच पर ध्यान केंद्रित करना आसान नहीं था। स्वितोलिना जल्द ही 2025 टेनिस सीजन की अपनी तैयारी शुरू कर देंगी, जो इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया में शुरू होगा।