देहात थाना पुलिस द्वारा मोहनगढ़ थाने के ग्राम नंदनपुर निवासी आराधना यादव ने बताया कि देहात थाना पुलिस उसके पति अंशुल यादव को 28 जनवरी को अपने साथ ले गई थी। पुलिस अंशुल पर बलात्कार का मामला दर्ज करने की धमकी दे रही थी। इस मामले को निपटाने के लिए पुलिस द्वारा 15 लाख रुपए की मांग की गई थी।
इसके बाद 3 लाख रुपए में मामला निपटाना तय हुआ था। उनके परिजनों ने यह रुपए देहात थाना प्रभारी रवि गुप्ता के कहने पर थाने में पदस्थ आरक्षक राहुल पटैरिया को यह रुपए दिए थे। इसके बाद पुलिस और रुपयों की मांग करने लगी तो परिजनों ने परेशान होकर इसकी शिकायत एसपी से की। आराधना का आरोप है कि इस दौरान आरोप लगाने वाली महिला भी पूरे समय थाने में थी। यह रुपए थाने के सामने ही दिए गए है। ऐसे में इसकी रिकार्डिंग थाने में लगे सीसीटीवी में भी है। उन्होंने इसे सुरक्षित कराने की भी मांग की है।
ऐसे ही फंसाते थे लोगों को
बताया जा रहा है कि देहात थाना पुलिस द्वारा पिछले कुछ समय से ऐसे ही लोगों को फंसाया जा रहा था। यहां पर कुछ महिलाओं से आमजन के खिलाफ इस प्रकार की शिकायतें दर्ज कराई जाती थी और बाद में राजीनामा के नाम पर उनसे रुपए लिए जाते थे। आराधना ने बताया कि यह लड़की उनके पति को पिछले कुछ दिनों से परेशान कर रही थी। उसकी शादी 16 जनवरी को हुई है। इसके बाद से ही उसके पति को फंसाने के लिए धमकी दे रहे थे, ताकि दबाव में आकर यह रुपए दे दे।
जांच कराई जा रही है
महिला की शिकायत एवं वीडियो के आधार पर देहात थाना प्रभारी रवि गुप्ता एवं आरक्षक राहुल पटैरिया को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोनों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। – मनोहर सिंह मंडलोई, एसपी, टीकमगढ़।