जिले के सबसे पुराने शासकीय जिला पुस्तकालय में संविधान की मूल प्रति आज भी सुरक्षित है। लाइब्रेरियन विजय मेहरा ने बताया कि यहां पर संविधान की दो प्रतियां हैं। एक प्रति एक साल पहले शासन स्तर से भेजी गई थी। संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूर्ण होने के शासन द्वारा हर जिले में इसकी प्रति उपलब्ध कराई गई है।
वहीं दूसरी प्रति बहुत पुरानी है। उनका कहना था कि इन दोनों प्रतियों को पूरी तरह से सुरक्षित रूप से यहां पर रखा गया है। कई लोग हैं, जो आकर इसे देखते हैं। मोटे पेजों पर है कृति
विजय मेहरा ने बताया कि संविधान की इस कृति में महज 231 पेज हैं, लेकिन यह बहुत मोटे और बड़े हैं। ऐसे में यह पुस्तक 8 किलो से अधिक वजनी है। यह पुस्तक अलग ही दिखाई देती है। उनका कहना है कि उस समय इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने इटैलिक हैंडराइङ्क्षटग में लिखा था। ऐसे में संविधान की इस पुस्तक पर उनका नाम भी अंकित किया गया है। इस पुस्तक में पूरी संविधान निर्मात्री सभा का एक फोटो भी है।
इसके अंतिम पेजों पर सभी के हस्ताक्षर हैं। देश के संविधान निर्माण करने वाली समिति में जिले के सर्वोदयी नेता चतुर्भुज पाठक भी शामिल रहे हैं। चतुर्भुज पाठक रहे शामिल संविधान निर्मात्री सभा में जिले के सर्वोदयी नेता चतुर्भुज पाठक शामिल थे। इस पुस्तक में उनके भी हस्ताक्षर हैं। वह देश की स्वतंत्रता के आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ रहे हैं। उन्होंने जिले में भी छुआछूत मिटाने के लिए कई काम किए हैं। इसके साथ ही बुंदेलखंड में दस्यु समर्पण में भी महत्ती भूमिका निभाई है।