अब एक छोर पर सदर थाना टोंक और दूसरे छोर पर पीपलू थाना पुलिस का जाप्ता लोगों को बनास नदी में जाने से रोकेगा। इस रपट का निर्माण हर साल सार्वजनिक निर्माण विभाग करीब 30 लाख रुपए की लागत से कराता है। हर साल यह बड़ी राशि व्यर्थ हो जाती है। अब बरसात के बाद फिर से रपट तैयार करानी होगी। तब जाकर लोगों को आना-जाना शुरू होगा।
हर साल होती है परेशानी
बनास नदी में पानी की आवक होने व बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने के बाद करीब दो से तीन महीने तक टोंक का दर्जनों गांवों से सीधा संपर्क टूट जाता है। हाई लेवल ब्रिज का काम पूरा होने के बाद बनास नदी में आने वाले बीसलपुर बांध के गेट खुलने के बाद व बरसात के समय रपट बह जाने के कारण होने वाली आवागमन की समस्या से निजात मिल सकेगी। ईसरदा बांध के निर्माण हो जाने के बाद बनास नदी गहलोद रपट पर 8 फीट पानी रहने की संभावना है।
25 किमी का लगेगा चक्कर
शहर के समीप बनास नदी पर बन रहे हाईलेवल ब्रिज निर्माण की गति धीमी है। जबकि इस पुल से जिले के तीन उपखंड के दर्जनों गांवों के लोगों की उम्मीद है। उन्हें टोंक आने-जाने के लिए करीब 25 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। गहलोद समेत जंवाली, कुरेड़ा समेत दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को अब नाथड़ी व सोहेला होते हुए टोंक आना पड़ेगा।