scriptराजस्थान का यह बांध बदलेगा एक हजार 256 गांव और 6 शहरों की तकदीर, पहली बार रोका जाएगा पानी | For the first time 30 percent water will be stopped in Isarda dam | Patrika News
टोंक

राजस्थान का यह बांध बदलेगा एक हजार 256 गांव और 6 शहरों की तकदीर, पहली बार रोका जाएगा पानी

Rajasthan News: टोंक जिले में बरसात का दौर जारी होने से बनास नदी में पूरे वेग से जलधारा बहने लगी है। यह पानी ईसरदा बांध में जा रहा है।

टोंकJul 21, 2025 / 03:21 pm

Anil Prajapat

Banas-River-1

बनास नदी में बहती जलधारा।

Tonk News: टोंक जिले में बरसात का दौर जारी होने से बनास नदी में पूरे वेग से जलधारा बहने लगी है। यह पानी ईसरदा बांध में जा रहा है। इस साल पहली बार ईसरदा बांध में 30 फीसदी पानी रोका जाएगा। अभी ईसरदा बांध के गेट नबंर एक और 28 को बंद कर पानी रोका जा रहा है। जबकि बाकी सभी गेट से बनास नदी में पानी निकासी हो रही है।
बांध में 30 प्रतिशत पानी मानसून के अंतिम चरण में रोका जाएगा। तब गेट समेत सुरक्षा व लाइनों से जलापूर्ति आदि की जांच की जाएगी। यह सब सही होने पर अगले साल पूर्ण रूप से ईसरदा बांध में पानी रोका जाएगा। जिले में बीसलपुर और ईसरदा बांध बड़े स्तर के हैं। ऐसे में तय रूप से जिले का अर्थ का पहिया भी घूमेगा। किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सकेगा। मानसून की मेहरबानी से बीसलपुर बांध का गेज सोमवार दोपहर एक बजे तक 315.26 आरएल मीटर पहुंच गया।

ईसरदा बांध का 95 प्रतिशत कार्य पूरा

बनास नदी पर निर्माणाधीन ईसरदा बांध का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इस साल बारिश का दौर धीमा होने पर बांध में पानी रोकने की तैयारियां है। हालांकि वर्तमान में बांध के 28 गेटों में से दो गेटों को बंद कर प्रारंभिक जांच के लिए टेस्टिंग चल रही है। जिसका अभियंता बारीकी से निरीक्षण कर कर रहे हैं। अन्य 26 गेटों से 250.15 आरएल मीटर तक पानी की निकासी जारी है। निर्देशानुसार धीरे-धीरे अन्य गेट बंद किए जाएंगे। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दौसा जिले के एक हजार 79 गांव, 5 शहर तथा सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव और एक शहरी क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई होगी। डेम सेटी ऑर्गनाइजेशन से अभी बांध में जल संग्रहण की अनुमति नहीं मिली है। उनके निर्देशानुसार ही प्रारंभिक रूप में पानी निर्धारित आरएल मीटर तक रोका जाएगा। हालांकि पहले चरण में बांध का जलस्तर 253 आरएल मीटर तक रोकने का प्रावधान है।
Isarda Dam

दोनों बांधों की दूरी 90 किमी

बनास नदी पर बने बीसलपुर और ईसरदा बांध की दूरी 90 किलोमीटर है। इसके पूर्ण होने पर राम जल सेतु परियोजना से आम जनों का सपना साकार होगा। बीसलपुर बांध के गेट खुलने पर पानी ईसरदा बांध में ही जाएगा। वहीं इस बार भी बीसलपुर बांध भरने की कगार पर है।

किसानों को मिलेगा सिंचाई का पानी

बीसलपुर बांध में हो रही पानी की आवक तथा बढ़े गेज के मुताबिक इस साल जिले के किसानों को नहरों के माध्यम से फसलों के लिए पानी मिलेगा। वहीं टोंक, अजमेर व जयपुर की जलापूर्ति में कोई परेशानी नहीं होगी। परियोजना के अनुसार बीसलपुर बांध की 51.64 किलोमीटर लंबी दायीं मुख्य नहर से 218 गांवों की कुल 69 हजार 393 हैक्टेयर जमीन सिंचित होती है। नहर से राजमहल, संथली, दूनी, सांखना, दाखिया, मुगलानी, नगरफोर्ट वितरिकाएं व टोंक ब्रांच शामिल है। इन वितरिकाओं की कुल लबाई 581 किलोमीटर है। बांध की बायीं मुख्य नहर 18.65 किलोमीटर लंबी तथा कुल वितरण तंत्र 93.62 किलोमीटर लंबा है। ये टोडारायसिंह क्षेत्र के 38 गांवों से गुजरती हुई 12 हजार 407 हैक्टेयर जमीन को सिंचित करती है। दोनों नहरों से जिले की कुल 81 हजार 800 हैक्टयर भूमि में सिंचाई होने से कुल 256 गांवों के किसानों की काया पलटी है।

इनका कहना है

ईसरदा बांध में जल संग्रहण सेटी ऑर्गनाइजेशन के निर्देशानुसार ही जल संग्रहण किया जाएगा। पानी रोके जाने के लिए गेटों सहित अन्य कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अभी दो गेट को बंद कर प्रारंभिक जांच की जा रही है। शेष 26 गेट से पानी की निकासी जारी है।
-जितेंद्र लुहाडिया, अधीक्षण अभियंता, ईसरदा बांध परियोजना

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