जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता मुकेश गुर्जर ने बताया कि मासी बांध में लगातार पानी की आवक जारी है। बांध में मासी नदी, बांडी नदी एवं खेराकाशी नदी का पानी आता है। मासी डेम पर चादर चलने से क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड गई।
क्वालिटी कंट्रोल सहायक अभियंता कानाराम गुर्जर ने बांध का निरीक्षण कर जायजा लिया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष भी बांध की चादर चलने सहित पांचों गेट खोलकर करीब दो माह तक पानी की निकासी हुई थी। बांध की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं हैं।
साथ ही, बांध के भरने से अब रबी की फसल के लिए किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। बांध की नहर से क्षेत्र के 29 गांवों के कमाण्ड़ क्षेत्र की 6985 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। मासी बांध से पीपलू क्षेत्र में गहलोद तक 40 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर व दर्जनों वितरिकाएं बनी हुई है।