राज्य सरकार के इस जवाब का याचिकाकर्ता ने विरोध किया और जांच सीबीआई को भेजने का आग्रह किया। जिस पर जस्टिस वीके भारवानी ने प्रार्थी पक्ष से कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार का जवाब आने दें।
साथ ही कोर्ट ने दिलखुश मीना सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई टाल दी। प्रार्थियों ने अधिवक्ता राजेश गोस्वामी और मुकेश मीणा के जरिए दायर याचिका में मामले की जांच हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग और सीबीआई से करवाने का आग्रह किया है।
बता दें कि सरकार ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि कुछ आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है, कुछ के खिलाफ पेंडिंग है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने आईओ से पूछा था कि केस में अन्य आरोपियों के खिलाफ अनुसंधान लंबित क्यों रखा है? आईओ पेश होकर स्पष्टीकरण दें कि अन्य आरोपियों के खिलाफ चालान पेश क्यों नहीं हुआ?
यहां से शुरू हुआ विवाद
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान नरेश मीना ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। जिससे मीना के समर्थक भड़क गए और नरेश मीणा को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर ले गए। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव का भी आरोप लगाया था। इस घटना में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया और ग्रामीणों पर कार्रवाई की थी।