नरेश मीणा की जमानत अर्जी पर बुधवार को दोनों पक्षों की ओर से बहस की गई। कोर्ट ने फिलहाल जमानत का फैसला आरक्षित रखा है। यह अब बाद में सुनाया जाएगा। कोर्ट में नरेश मीणा की ओर से एडवोकेट डॉ. महेशचन्द्र शर्मा तथा एडवोकेट लाखनसिंह मीना ने तथा सरकार की ओर से राजेश चौधरी समेत अन्य ने पक्ष रखा है। नरेश मीणा के खिलाफ नगरफोर्ट थाने में दर्ज तोडफ़ोड़ व आग लगाने के मामले की जमानत याचिका कोर्ट में लगाई गई थी।
यह हुई बहस
इधर, कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा कि आग समेत तोड़फोड़ नरेश मीणा की ओर से की गई। जबकि एडवोकेट महेश व लाखनसिंह ने कहा कि यह आग व तोड़फोड़ पुलिस की ओर से की गई। नरेश मीणा से जेल में मिलने कई पार्टियों के लोग पहुंचे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी अभी भी है जेल में
पुलिस ने 14 नवंबर 2024 को नरेश मीणा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें बाकी सभी को तो जमानत मिल गई। लेकिन अभी भी निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा जेल में ही है। कई संगठन रिहाई की मांग कर रहे हैं। यह था मामला
13 नवंबर 2024 को उपचुनाव के दौरान समरावता को ग्रामीणों ने देवली उपखंड से हटाकर उपखंड उनियारा में जोडऩे को लेकर चुनाव का बहिष्कार को लेकर धरना दिया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना भी धरना स्थल पर पहुंच गए थे।
जब नरेश को पता लगा कि तीन लोगों ने मतदान कर दिया है। जिस पर नरेश ने आक्रोश में आकर एरिया मजिस्ट्रेट (एसडीएम मालपुरा) अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था। जिसके बाद गांव में तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी।