अहमदाबाद प्लेन क्रैश: उदयपुर के धोली मगरी निवासी वरदीचंद मेनारिया काफी व्यवहारिक व्यक्तित्व वाले थे। उनका आस-पड़ोस के लोगों से काफी अच्छा रिश्ता है। कल शाम को जब पड़ोसियों से मुलाकात हुई तो कह रहे थे 10-12 दिन में वापस लौटूंगा। लेकिन किसी को आभास नहीं था कि वे इस प्रकार की विभत्स घटना के शिकार हो जाएंगे।
पत्रिका की टीम जब उनके निवास पर पहुंची तो पड़ोसी एकत्रित हो गए और वरदीचंद के साथ ही उनके परिवार की सराहना करने लगे। पड़ोसी मोहनलाल मेनारिया ने बताया कि वरदीचंद का मूल गांव रूंडेडा था। वे करीब 15 साल से उदयपुर में रह रहे थे। रोहिड़ा निवासी प्रकाश मेनारिया के साथ विदेश में समारोहों में खाना बनाने का काम करते थे। ऐसे में साल में कई बार विदेश का ट्यूर होता था। उनके दो पुत्र हैं। पांच साल की एक पोती है। एक पुत्र का विवाह कानपुर और दूसरे का अहमदाबाद में हुआ। चार दिन पूर्व छोटे बेटे के लड़का हुआ था।
शांतिलाल लखारा ने बताया कि सभी गुरुवार सुबह 4 बजे उदयपुर से रवाना हुए थे। बड़े बेटे की बहू के गर्भवती होने से परिवार वाले वरदीचंद को छोड़कर अहमदाबाद में ही रूकने वाले थे। ऐसे में यहां कोई नहीं है। इस दौरान मौके पर चंदा मेनारिया, तरुणा मेनारिया, अन्नू मेनारिया, लता मेनारिया आदि मौजूद रहे।
रूण्डेड़ा मूल के निवासी वरदीचंद एक माह पहले ही लंदन से आए थे। छोटे बेटे दिनेश के बेटे का जन्म हुआ था। वरदीचंद पोते को गोद में लेकर खुश थे। वे गुरुवार को लंदन लौट रहे थे तो उनकी पत्नी लीला बेटे दीपक भी छोडऩे के लिए गए थे। दीपक का ससुराल भी अहमदाबाद ही होने से परिवार वहां भी मिलने पहुंचा था। वे गुरुवार सुबह 4 बजे रवाना हुए थे। यहां छोटा बेटा फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. दिनेश ही था, जो हादसे की सूचना पर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ। इधर, गांव रुंडेड़ा में भी मातम का माहौल हो गया। बुजुर्ग माता-पिता और दो छोटे भाई रुंडेड़ा में ही रहते हैं। माता-पिता आहत नहीं हो, इसलिए उन्हें हादसे की सूचना नहीं दी। एसडीएम सुरेन्द्र बी. पाटीदार, तहसीलदार नरेंद्र चौहान आदि पहुंचे।
लंदन में कुक के तौर पर काम करते थे प्रकाश
ढूंढिया पंचायत के रोहिड़ा गांव में गुरुवार को उस समय खामोशी छा गई, जब विमान हादसे में गांव के प्रकाश मेनारिया के शामिल होने की सूचना मिली। प्रकाश लंदन में कुक के तौर पर काम करता रहा है। प्रकाशचंद्र के पिता नारायण लाल मेनारिया का एक माह पहले ही निधन हुआ था। प्रकाश इसीलिए गांव आया था। परिवार पिता के जाने के गम से उबर भी नहीं पाया था कि फिर आहत हो गया। बीते दिनों भी प्रकाशचंद्र लंदन की फ्लाइट पकडऩे के लिए अहमदाबाद पहुंचे थे, लेकिन अंतिम समय में उनका मन बदला और लौटकर घर आ गए थे।