पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास की पार्थिव देह अहमदाबाद से उदयपुर लाई जा चुकी है। अंतिम दर्शन के लिए उनके दैत्य मगरी स्थित आवास पर लोग पहुंचने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित उनके समर्थक पहुंच कर पुष्पांजलि दे रहे हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली रिजा श्रद्धांजलि देने के लिए दैत्य मगरी स्थित निवास पर पहुंच चुके है।
CM भजनलाल ने जताया दुख
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गिरिजा व्यास के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’
‘हम सबके लिए अपूरणीय क्षति’- गहलोत
वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पोस्ट कर लिखा कि ‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है। डॉ गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था। उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात है।’
गिरिजा व्यास का राजनीतिक सफर
गिरिजा व्यास का राजनीति करियर की शुरुआत 1985 में राजस्थान सरकार में विधायक और राज्य मंत्री से हुई। वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की नजर में आईं और 1991 में सांसद चुनी गई। तब सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बनी। वे दो बार फिर सांसद और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं। बतौर प्रोफेसर वे 19 मई 2001 को लौटी और फिर स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। 2001 से 2004 तक वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं। 2005 में मनमोहन सरकार में 5वें राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। 2011 तक आयोग की अध्यक्ष रहीं। 2009 में चित्तौड़गढ़ से 15वीं लोकसभा की सदस्य चुनी गईं। 2018 में उदयपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाई।