कुंभ मेले का संयोग
कुंभ तब होता है जब सूर्य मकर राशि में और गुरु वृषभ राशि में स्थित होते हैं। सूर्य देवताओं के राजा हैं और आंखों का कारक माने जाते हैं। वहीं, वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह सुंदरता और आकर्षण के प्रतीक हैं। उत्तर दिशा का महत्व उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा माना गया है। जब सूर्य मकर संक्रांति पर उत्तर की ओर रुख करते हैं, तो इस दिशा में दैविक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं।
राहु और सोशल मीडिया
राहु ग्रह सोशल मीडिया का प्रतिनिधित्व करता है, 10 जनवरी को उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण में आया। इस नक्षत्र का शुभ प्रभाव किसी भी साधारण व्यक्ति को असाधारण बना सकता है।
वायरल होना केवल संयोग नहीं
मोनालिसा, जो गुरु का कार्य (रुद्राक्ष की माला बेचना) करने महेश्वर से कुंभ में आई थी। वह 10 जनवरी को प्रयागराज पहुंची। 5 ग्रहों का खेल और वायरल होना। 14 जनवरी को सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़े, जिससे दैविक शक्तियों का प्रभाव बढ़ गया। मोनालिसा की सुंदर नीली आंखें, जो सूर्य (आंखों के कारक) और शुक्र (सुंदरता के कारक) के प्रभाव को दर्शाती हैं, लोगों का ध्यान आकर्षित करने लगीं। राहु, जो सोशल मीडिया का प्रतीक है, ने मोनालिसा को वायरल कर दिया। कलयुग का संदेश कृष्णा गुरुजी के अनुसार यह कलयुग है, जहां देवता और असुर एक ही इंसान में समाए होते हैं।
ग्रहों की चाल किसी को भी राजा से रंक या रंक से राजा बना सकती है। मोनालिसा का वायरल होना इसका प्रमाण है। वह गुरु के कार्य से आई और ग्रहों के प्रभाव से प्रसिद्ध हो गई। मोनालिसा का वायरल होना एक संयोग मात्र नहीं है। बल्कि यह ग्रहों की चाल का अद्भुत खेल है। इस घटना ने यह साबित किया कि ग्रह इंसान के जीवन को पलभर में बदलने की क्षमता रखते हैं।