

राणौजी स्वयं भी सवारी में शामिल होते थे
उन्होंने इसमें नए रथों, गजराजों और सजीव लोक परंपराओं को जोड़ा, जिससे यह आयोजन और अधिक भव्य बन गया। राणौजी स्वयं भी सवारी में शामिल होते थे और पालकी के आगे चलकर भगवान महाकाल को राजाधिराज का दर्जा देते थे। इसके बाद स्वतंत्रता पूर्व काल तक सिंधिया और होलकर राजवंशों के प्रमुख महाकाल की सवारी में राजकीय रूप से सम्मिलित होते रहे। वे पालकी के आगे चलकर यह संकेत देते थे कि राज्य का वास्तविक शासक स्वयं महाकालेश्वर ही हैं।जानें कब निकलेगी महाकाल की पहली शाही सवारी का आयोजन कब
इस साल 6 सवारियां यहां जाने सवारियों की डेट
–इस साल 2025 में 11 जुलाई से सावन मास आरंभ, यहां देखें जुलाई से अगस्त तक महाकाल सवारी की पूरी डेट लिस्ट…- पहली सवारी – 14 जुलाई
- दूसरी सवारी – 21 जुलाई
- तीसरी सवारी- 28 जुलाई
- चौथी सवारी- 4 अगस्त
- पांचवी सवारी- 11 अगस्त
- छठी या शाही सवारी- 18 अगस्त
भक्तों के साथ सावन सोमवार उपवास पर रहेंगे महाकालेश्वर
बता दें कि सावन-भादौ के महीने में बाबा महाकाल भक्तों के साथ स्वयं भी उपवास रखते हैं। इस दौरान उपवास रखे हुए ही वे अपने भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकल पड़ते हैं। महाकाल की सवारी में शामिल होने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ता है।