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स्कूलों में चलेंगी बोर्ड से मान्य किताबें, अन्य पुस्तकों के लिए दबाव बनाया तो होगी कार्रवाई

कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस व संबंधित विषयों के विनियमन को लेकर स्कूल संचालकों के साथ हुई बैठक

उमरियाMay 02, 2025 / 04:10 pm

Ayazuddin Siddiqui

कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस व संबंधित विषयों के विनियमन को लेकर स्कूल संचालकों के साथ हुई बैठक

कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस व संबंधित विषयों के विनियमन को लेकर स्कूल संचालकों के साथ हुई बैठक

मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 प्रसारित किया गया है। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम के संबंध में बैठक हुई। कलेक्टर ने कहा कि मप्र निजी विद्यालय 2020 की धारा 3 एवं 4 के तहत शुल्क विवरण स्पष्ट एवं मदवार उल्लेखत किया जाए।

नियम के तहत विद्यालय की प्रस्तावित फीस संरचना के अनुरूप सत्र प्रारंभ के 180 दिवस पूर्व शासन द्वारा नियत पोर्टल, जिला समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है। परिवर्तन की स्थिति में यह अनिवार्य होगा, जिसका पालन जिले में होना नहीं पाया जा रहा है। निरीक्षण में प्रतिकूल पाए जाने पर विद्यालयों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा पाठ्य पुस्तकों का निर्धारण संबद्ध बोर्ड अथवा परीक्षा निकाय के विनियमों के अनुसार विनिश्चत किया जाए। बोर्ड द्वारा अधिकृत पाठ्य पुस्तकों से ही अध्यापन किया जाना होगा। किसी भी हालत में अनावश्यक पुस्तकों को क्रय किए जाने के लिए किसी भी अभिभावक को बाध्य नहीं किया जाए। प्राय: देखने में आता है कि विद्यालयों द्वारा किसी नियत दुकानदार को चिन्हित कर पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराई जाती है जहां से अभिभावक बाध्य होकर या अनावश्यक पुस्तकें क्रय करते हैं। कुछ विद्यालयों में अमान्य पुस्तकें , बिना आईएसबीएन, फर्जी आईएसबीएन क्रमांक की पुस्तकें बच्चों को क्रय किए जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।


पुस्तकें वापस कराके पैसे लौटाएं


उन्होंने कहा कि अगर किसी स्कूल ने अतिरिक्त पुस्तकें खरीदवा दी हैं तो उनकी पुस्तकें वापस कराकर पैसे भी वापस कराएं। यदि दुकानदार वापस नहीं करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि निरीक्षण मे ऐसी स्थिति पाई जाती है तो विद्यालय प्रबंधन एवं संबंधित दुकानदार दोनों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संबंधित बोर्ड द्वारा मान्य पाठ्य पुस्तकें ही विद्यालय में उपयोग की जाएं। अनावश्यक पुस्तकों के लिए अभिभावक पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालें। शासन के निर्देशानुसार बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खेल एक आवश्यक गतिविधि के रूप में शामिल है। निजी विद्यालयों द्वारा क्रीड़ा शुल्क लिया जाता है, किंतु इसका उपयोग खेल गतिविधियों में नहीं किया जाता है। क्रीड़ा अंशदान भी शासन के पक्ष में समय पर जमा नहीं किया जा रहा है, जो नियम विरूद्ध है।


10 माह का ही वाहन शुल्क लिया जाए


उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय प्रबंधन परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें। विद्यालय में उपलब्ध स्वयं, अनुबंधित वाहनों के संबंध में संपूर्ण जानकारी विद्यालय प्रबंधन के पास होनी चाहिए। सभी वाहन परिवहन विभाग से पंजीकृत व मापदंड के अनुसार हों। वाहन चालक तथा अन्य समस्त कर्मचारियों एवं शिक्षकों के विरूद्ध किसी भी तरह का आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने संबंधी पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाए। प्रत्येक वाहन में विद्यालय की ओर से परिवहन के दौरान शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए। वाहन में क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जाए। वाहन शुल्क 10 माह का लिया जाए।


स्कूलों की जांच के लिए समिति गठित करें


बैठक में बताया गया कि 69 विद्यालयों द्वारा मान्यता संबंधी जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है। कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जानकारी उपलब्ध कराए अन्यथा उक्त विद्यालयों के विरूद्ध मान्यता समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी , सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग तथा जिला परियोजना समन्वियक सर्व शिक्षा अभियान को निर्देशित किया कि समस्ति विद्यालयों के निरीक्षण के लिए दल गठित किए जाएं जो निजी विद्यालयों में मप्र निजी विद्यालय नियम 2020 तथा मान्यता नियम, शर्तो के अनुरूप तथा इस वर्ष की गई फीस वृद्धि की कार्रवाई एवं औचित्य का परीक्षण कर कलेक्टर के समक्ष एक माह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तु्त करेंगे। नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित शाला की मान्यता समाप्त किए जाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत करें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी आर एस मरावी, सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग डा पूजा द्विवेदी, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान संजय सिंह बघेल, संयुक्त संचालक शिक्षा, ए.पी.सी. विनीत कुमार के.व्ही सहित निजी विद्यालयों के संचालक, प्राचार्य उपस्थित रहे।

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