वीडियो शूटिंग पर सख्त है प्रतिबंध
उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर की सुरक्षा, पवित्रता और निर्धारित नियमों का पालन सर्वोपरि है। इस प्रकरण में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस को संयुक्त जांच का जिम्मा सौंपा गया है। मंदिर प्रशासन ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिसर में किसी भी तरह की शूटिंग या वीडियो निर्माण नियमों के खिलाफ है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सीईओ ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सीईओ ने कहा, “श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से कई श्रद्धालुओं ने आपत्ति जताई है। जांच के बाद जो भी जिम्मेदार पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।” इसके साथ ही, मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर परिसर में नियमों का पालन करें और परिसर की गरिमा बनाए रखें। जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि तेज प्रताप यादव 12 जून को वाराणसी पहुंचे थे और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर के भीतर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जो करीब 52 सेकंड का है। अगले दिन यह वीडियो उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर साझा किया। वीडियो में तेज प्रताप मंदिर के उस संवेदनशील क्षेत्र में नजर आ रहे हैं, जहां मोबाइल फोन और कैमरा उपयोग करने पर स्पष्ट रूप से सख्त प्रतिबंध लागू है।