टूरिस्ट बस में अचानक से लगी आग
यह घटना सिकरारा थाना क्षेत्र के पास वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर हुई। पुलिस के अनुसार, बस के डीजल टैंक में रिसाव के कारण आग लगी, जिसके बाद बस आग का गोला बन गई। बस में सवार 14 यात्रियों ने किसी तरह बस की खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। आग इतनी विकराल थी कि सड़क किनारे एक गुमटी की दुकान भी इसकी चपेट में आ गई। धू-धू कर जल रही इस बस के ऊपर सामान भी रखा था।पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं
इस तरह बस की छत पर सामान ले जाना भी नियमों का उल्लंघन है। सिकरारा थाना प्रभारी के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि डीजल टैंक में रिसाव के कारण यह हादसा हुआ। सभी यात्री सुरक्षित हैं, और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।हालांकि, बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बस के मालिक व चालक से पूछताछ की जा रही
बस में 60-70 यात्री थे सवार
यह घटना उत्तर प्रदेश में स्लीपर बसों से यात्रा करने के खतरों को एक बार फिर उजागर करती है। हाल के महीनों में स्लीपर बसों से संबंधित कई दुर्घटनाएं सामने आई हैं, जो सड़क सुरक्षा और बसों की तकनीकी स्थिति पर सवाल उठाती हैं।मई में लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में बेगूसराय (बिहार) से दिल्ली जा रही एक निजी स्लीपर बस में संदिग्ध शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। इस हादसे में दो बच्चों, दो महिलाओं और एक पुरुष सहित पांच लोगों की जलकर मौत हो गई। बस में 60-70 यात्री सवार थे, जिनमें से कई को स्थानीय लोगों और पुलिस ने खिड़कियां तोड़कर बचाया। इस हादसे के बाद बस के चालक और क्लीनर फरार हो गए थे।