विदिशा को महानगरों जैसा बनाने के लिए इसमें दर्जन भर गांव शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाएंगे। आवासीय क्षेत्र के साथ व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र का भी विस्तार होगा। हालांकि योजना पर अमल की रफ्तार अभी काफी धीमी है लेकिन अधिकारियों का दावा है कि प्लान के मुताबिक रोड मैप तैयार हो चुका है। अब काम में तेजी आएगी।
यह भी पढ़ें: एमपी को एक और वंदे भारत की सौगात! तीन बड़े शहरों के बीच चलेगी नई स्लीपर ट्रेन विदिशा शहर के विकास को लेकर साल 2020 को आधार मानते हुए चार साल पहले 2021 में डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया। लेकिन इतने सालों में कोई खास बदलाव नहीं किया जा सका। आवासीय क्षेत्र में विस्तार तो हुआ है, लेकिन सुनियोजित विकास का अभाव है।
यह भी पढ़ें: एमपी में कर्मचारियों-अधिकारियों की बल्ले-बल्ले, घोषित हुए 12 नए अवकाश, शुरु हो गया अमल व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यातायात व्यवस्था से लेकर भूमि के उचित उपयोग और पुनर्स्थापना की कवायद अभी कागज तक ही सीमित है। फिलहाल विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने में जुटे प्रशासन का दावा है कि विकास को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। अब अगले पांच से छह वर्ष में वर्ष 2031 को लेकर बनाई गई योजना को धरातल पर लाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: एमपी में पेट्रोल पंपों पर नकद भुगतान बंद, लागू हुई कैशलैस व्यवस्था, ऑनलाइन ही मिलेगा पेट्रोल डीजल ये है विस्तार योजनासाल 2020 तक शहर का आवासीय क्षेत्र 676 हेक्टेयर था। वर्ष 2031 तक इसे बढ़ाकर 1230.42 हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र का विस्तार 90.52 हेक्टेयर से बढ़ाकर 159.10 हेक्टेयर करना है। इसके लिए समय-सीमा वर्ष 2031 तय की गई है।
प्रशासन की योजना में विदिशा के विशेषज्ञ और जानकार अब भी कई कमियां बता रहे हैं। शहर के सुनियोजित विकास के लिए इन्हें दूर करने की सलाह दी जा रही है। विदिशा को बेतवा नदी के लिए भी जाना जाता है। पर्यावरण संरक्षण में सबसे बड़ी कवायद बेतवा को लेकर ही की जानी है। इसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिए छह नालों के पानी को शुद्ध करना है। अब तक केवल चोरघाट नाला के पानी को लिफ्ट कर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के लिए निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। बाकी के नालों को लेकर कोई योजना नहीं है। नदी तट पर पौधरोपण की कवायद भी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है
जंबार बागरी में औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर लिया गया, लेकिन वहां उद्योगों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। सारी कवायद केवल उद्यमियों द्वारा प्लॉट आवंटित कराने तक सीमित है। विदिशा में औद्योगिक विस्तार को लेकर इकोनॉमिक कॉरिडोर पर कार्य शुरू है। दावा है कि कॉरिडोर तैयार होने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से विस्तार होगा। जिले के दक्षिण क्षेत्र में भी कॉरिडोर बनाने का भी सुझाव है।
इधर कलेक्टर रौशन कुमार सिंह कहते हैं कि डेवलपमेंट प्लान के तहत कई बड़े कार्य शरू हुए हैं। प्लान को लेकर बीते वर्षों में आधार तैयार किया गया है। अब शहर विकास के कार्य में तेजी देखने को मिलेंगे। अगले दो से तीन वर्षों में ही विकास दिखने लगेगा।
भूमि के उपयोग की योजना अधूरी - जय स्तंभ के पास मांस बाजार को पर्यावरणीय समस्या के चलते स्थानांरित करना है। वह स्थान आवासीय बनाना है।
- शहर में स्वर्णकार कॉलोनी व जैन मंदिर सहित अन्य इलाकों में संचालित दुग्ध डेयरी को भी शहर से बाहर किया जाना है।
- सावरकर कॉलोनी, जयस्तंभ, बस स्टैंड व सुभाष मार्ग में लगने वाली सब्जी मंडी को यातायात की समस्या के चलते शिफ्ट करना है। यहां पार्किंग स्थल बनना है।
- लोहांगी पहाड़ी के चारों ओर 50 मीटर दायरे में भूस्खलन की समस्या को देखते हुए वहां की बसाहट को हटाना है। वहां पौधरोपण कर सौंदर्यीकरण की योजना है।
- शहर के बस स्टैंड यातायात समस्या के चलते सुमेर मार्ग पर शिफ्ट किया जाना है। वहां 4.18 हेक्टेयर भूमि चिह्नित है, लेकिन यह योजना भी अधूरी है।