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विदिशा

एमपी में 2031 तक आकार लेगा नया महानगर, 1230.42 हेक्टेयर में फैलाव की शुरु हो गई कवायद

New metropolis will take shape in MP by 2031 मध्यप्रदेश में जहां राजधानी भोपाल और इंदौर को मेट्रो की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है वहीं राज्य के अन्य बड़े शहरों का भी विस्तार किया जा रहा है।

विदिशाJan 05, 2025 / 04:14 pm

deepak deewan

vidisha metro

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मध्यप्रदेश में जहां राजधानी भोपाल और इंदौर को मेट्रो की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है वहीं राज्य के अन्य बड़े शहरों का भी विस्तार किया जा रहा है। इनमें ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन के साथ ही विदिशा भी शामिल है। विदिशा शहर को महानगर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। नगर एवं ग्राम निवेश के तहत बनाई गई योजना के तहत शहरी क्षेत्र का विस्तार कर विकास कार्य किए जाएंगे। जिला और नगर प्रशासन का दावा है कि योजना पर अमल कर अगले छह वर्षों में यानि 2031 तक विदिशा की तस्वीर बदल देंगे।
विदिशा को महानगरों जैसा बनाने के लिए इसमें दर्जन भर गांव शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाएंगे। आवासीय क्षेत्र के साथ व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र का भी विस्तार होगा। हालांकि योजना पर अमल की रफ्तार अभी काफी धीमी है लेकिन अधिकारियों का दावा है कि प्लान के मुताबिक रोड मैप तैयार हो चुका है। अब काम में तेजी आएगी।
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विदिशा शहर के विकास को लेकर साल 2020 को आधार मानते हुए चार साल पहले 2021 में डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया। लेकिन इतने सालों में कोई खास बदलाव नहीं किया जा सका। आवासीय क्षेत्र में विस्तार तो हुआ है, लेकिन सुनियोजित विकास का अभाव है।
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व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यातायात व्यवस्था से लेकर भूमि के उचित उपयोग और पुनर्स्थापना की कवायद अभी कागज तक ही सीमित है। फिलहाल विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने में जुटे प्रशासन का दावा है कि विकास को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। अब अगले पांच से छह वर्ष में वर्ष 2031 को लेकर बनाई गई योजना को धरातल पर लाया जाएगा।
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ये है विस्तार योजना
साल 2020 तक शहर का आवासीय क्षेत्र 676 हेक्टेयर था। वर्ष 2031 तक इसे बढ़ाकर 1230.42 हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र का विस्तार 90.52 हेक्टेयर से बढ़ाकर 159.10 हेक्टेयर करना है। इसके लिए समय-सीमा वर्ष 2031 तय की गई है।
प्रशासन की योजना में विदिशा के विशेषज्ञ और जानकार अब भी कई कमियां बता रहे हैं। शहर के सुनियोजित विकास के लिए इन्हें दूर करने की सलाह दी जा रही है।

विदिशा को बेतवा नदी के लिए भी जाना जाता है। पर्यावरण संरक्षण में सबसे बड़ी कवायद बेतवा को लेकर ही की जानी है। इसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिए छह नालों के पानी को शुद्ध करना है। अब तक केवल चोरघाट नाला के पानी को लिफ्ट कर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के लिए निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। बाकी के नालों को लेकर कोई योजना नहीं है। नदी तट पर पौधरोपण की कवायद भी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है
जंबार बागरी में औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर लिया गया, लेकिन वहां उद्योगों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। सारी कवायद केवल उद्यमियों द्वारा प्लॉट आवंटित कराने तक सीमित है।

विदिशा में औद्योगिक विस्तार को लेकर इकोनॉमिक कॉरिडोर पर कार्य शुरू है। दावा है कि कॉरिडोर तैयार होने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से विस्तार होगा। जिले के दक्षिण क्षेत्र में भी कॉरिडोर बनाने का भी सुझाव है।
इधर कलेक्टर रौशन कुमार सिंह कहते हैं कि डेवलपमेंट प्लान के तहत कई बड़े कार्य शरू हुए हैं। प्लान को लेकर बीते वर्षों में आधार तैयार किया गया है। अब शहर विकास के कार्य में तेजी देखने को मिलेंगे। अगले दो से तीन वर्षों में ही विकास दिखने लगेगा।
भूमि के उपयोग की योजना अधूरी

  1. जय स्तंभ के पास मांस बाजार को पर्यावरणीय समस्या के चलते स्थानांरित करना है। वह स्थान आवासीय बनाना है।
  2. शहर में स्वर्णकार कॉलोनी व जैन मंदिर सहित अन्य इलाकों में संचालित दुग्ध डेयरी को भी शहर से बाहर किया जाना है।
  3. सावरकर कॉलोनी, जयस्तंभ, बस स्टैंड व सुभाष मार्ग में लगने वाली सब्जी मंडी को यातायात की समस्या के चलते शिफ्ट करना है। यहां पार्किंग स्थल बनना है।
  4. लोहांगी पहाड़ी के चारों ओर 50 मीटर दायरे में भूस्खलन की समस्या को देखते हुए वहां की बसाहट को हटाना है। वहां पौधरोपण कर सौंदर्यीकरण की योजना है।
  5. शहर के बस स्टैंड यातायात समस्या के चलते सुमेर मार्ग पर शिफ्ट किया जाना है। वहां 4.18 हेक्टेयर भूमि चिह्नित है, लेकिन यह योजना भी अधूरी है।

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