जागरूकता के चलते बढ़े कुछ आंकड़े
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि महिला अपराध में वर्ष दर वर्ष तेजी से कमी आ रही है। यह बात और है कि महिलाओं में बढ़ती जागरूकता के चलते आंकड़ों में बहुत अधिक अंतर देखने को नहीं मिल रहा है। कहना है कि समय के साथ महिलाएं जागरूक हुईं हैं और उनके खिलाफ अपराध के प्रकरण थानों तक पहुंच रहे हैं। जबकि पूर्व में जुल्म होने के बाद भी महिलाएं कानून का सहारा नहीं लेती थीं। इस कारण अपराध होने के बावजूद दर्ज प्रकरणों की संख्या कम रहती थी। इसके विपरीत जागरूकता बढऩे के चलते अपराध कम होने के बावजूद दर्ज प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है।ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू विवाद ज्यादा पहुंचते हैं थाने तक
शमशाबाद थाने में 8 फरवरी को नव विवाहिता ने भोपाल निवासी ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताडि़त करने का प्रकरण दर्ज कराया। फरियादी के आवेदन पर पति संजय, ससुर मोहन सिंह व सास ताराबाई के खिलाफ शमशाबाद थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। बता दें कि शमशाबाद में फरियादी महिला की ससुराल है।
ससुराल अहमदपुर की निवासी महिला शशि (परिवर्तित नाम) ने पिछले सप्ताह वन स्टाफ सेंटर में पहुंचकर पति पर प्रताडऩा का आरोप लगाया है। दो बच्चों की मां शशि का कहना है कि पति आए दिन उसके साथ मारपीट करता है। महिला को विदिशा निवासी मायके वालों का भी सहारा नहीं है। मजबूर होकर वह वन स्टाफ सेंटर में रह रही है।
अपराध की स्थिति
वर्ष 2024 में 1222वर्ष 2023 में 1258
वर्ष 2022 में 1005
वर्ष 2021 में 1220
वर्ष 2020 में 1011