पुल की खासियतें
ऊंचाई और लंबाई: यह पुल 2,890 मीटर लंबा है और बेइपन नदी से 625 मीटर ऊपर बन रहा है। यह एफिल टॉवर से भी 200 मीटर ऊंचा है।
निर्माण लागत: करीब 2200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जा रहा है।
वजन: इसका स्टील ढांचा लगभग 22,000 टन वजनी है, जो तीन एफिल टावर के बराबर है।
पर्यटन को बढ़ावा: यह पुल न केवल गांवों को जोड़ेगा, बल्कि गुइझोउ को एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित करेगा। यहां कांच का रास्ता, दुनिया का सबसे ऊंचा बंजी जंप, और ठहरने की सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। निर्माण की रफ्तार
2022 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है। हाल के
वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि निर्माण दल इस विशाल संरचना को अंतिम रूप दे रहा है। मुख्य संरचना इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है, और अगले साल की शुरुआत में इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
इंजीनियरों की मेहनत
पुल के मुख्य इंजीनियर ली झाओ ने कहा, “इस पुल को बनते देखना मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह न केवल गांवों को जोड़ेगा, बल्कि गुइझोउ को दुनिया के नक्शे पर एक नई पहचान देगा।” वहीं, चीन के नेता झांग शेंग्लिन ने इसे “पृथ्वी की दरार को पार करने वाला सुपर प्रोजेक्ट” करार दिया है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस पुल का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसे देखकर दंग हैं और कह रहे हैं कि चीन के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन आर्किटेक्ट और इंजीनियर हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह पुल नहीं, इंजीनियरिंग का अजूबा है!
गुइझोउ में पुलों का रिकॉर्ड
आपको बता दें कि गुइझोउ में पहले से ही दुनिया के 100 सबसे ऊंचे पुलों में से आधे मौजूद हैं। 2016 में बनाया गया बेइपांजियांग पुल, जो 1,854 फीट ऊंचा था, अब तक सबसे ऊंचा था। लेकिन हुआजियांग ग्रांड कैन्यन ब्रिज इसे पीछे छोड़ देगा।