एयरपोर्ट पर लगेगी फेस-स्केनिंग तकनीक
अभी यात्रियों को बोर्डिंग पास के लिए ऑनलाइन चेक-इन करना पड़ता है, लेकिन अब यह प्रक्रिया फेस रिकग्निशन द्वारा सरल हो जाएगी। हाथ में बैग रखने वाले यात्री सुरक्षा गेट से सीधे प्रवेश कर सकेंगे। हालांकि, इस तकनीक के कार्यान्वयन के लिए एयरपोर्ट्स को नई फेस-स्कैनिंग तकनीक स्थापित करनी होगी। आइसीएओ का कहना है कि गोपनीयता के लिए स्कैन डेटा 15 सेकंड के भीतर हटा दिया जाएगा।
फ्लाइट चेक-इन पासपोर्ट का मतलब
फ्लाइट चेक-इन पासपोर्ट का मतलब होता है वह दस्तावेज़ और प्रक्रिया जिससे यह प्रमाणित होता है कि यात्री की पहचान वैध है और वह विमान यात्रा के लिए योग्य है। यह दो मुख्य चीज़ों से जुड़ा होता है: पासपोर्ट –-अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यह एक ज़रूरी पहचान पत्र होता है जिसमें आपकी नागरिकता, फोटो, और व्यक्तिगत जानकारी होती है। चेक-इन प्रक्रिया – फ्लाइट में सवार होने से पहले यात्री को एयरलाइन को यह जानकारी देनी होती है कि वह यात्रा करेगा।
इसमें सीट चुनना, बैग जमा करना, और बोर्डिंग पास लेना शामिल होता है।
बस चेहरा स्कैन होगा और आप फ्लाइट में चढ़ सकेंगे
बहरहाल अब जो नया बदलाव आ रहा है, उसमें यह सारी जानकारी डिजिटल यात्रा प्रमाणपत्र में होगी, जिससे बार-बार पासपोर्ट दिखाने और बोर्डिंग पास लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। बस चेहरा स्कैन होगा और आप फ्लाइट में चढ़ सकेंगे।