क्या है ये एस्टेरॉयड
दरअसल इस क्षुद्रग्रह (2024 YR4 Asteroid) की खोज पिछले साल 2024 में NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी यानी ESA ने की थी। तभी से ये वैज्ञानिकों के लिए सिरदर्द बनाया गया है। हालांकि जब इसे खोजा गया था तब इसकी धरती से टकराने की संभावना 1 प्रतिशत बताई गई थी लेकिन अब इसकी संभावना 2.3 प्रतिशत हो गई है। दरअसल एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की संभावनाओं को 11-प्वाइंट टोरीनो स्केल रेटिंग से मापा जाता है। टोरिनो स्केल रेटिंग 8-10 की रेंज में टक्कर का संकेत देती है। वहीं अब अगर इसकी रेटिंग 5-7 है तो ये खतरनाक लेकिन अनिश्चित टक्कर की तरफ इशारा करती है। 2-4 की रेटिंग संभावित टक्कर के बारे में बताती है। जिस पर निगरानी की जरूरत होती है। वहीं 1 की रेटिंग इस पर शोध की तरफ इशारा करती है। जिसके धरती के पास से गुजरने की संभावना जताई जाती है। वहीं अगर रेटिंग 0 है तो इसकी टक्कर से कोई संभावना नहीं होती है।
22 दिसंबर 2032 को हो सकती है टक्कर
अब जो इस 2024 YR4 एस्टेरॉयड की बात हो रही है इसकी NASA ने वर्तमान रेटिंग 3 दी है जो ये बताती है कि इस क्षुद्रग्रह की कड़ी निगरानी की जरूरत है। नासा के दी जानकारी के मुताबिक इस ग्रह के 22 दिसंबर 2032 में धरती से टकराने की संभावना जताई गई है।
धरती के कौन से इलाके जोखिम गलियारे में
नासा (NASA) के मुताबिक ये एस्टेरॉयड धरती के पश्चिमी मध्य अमेरिका से लेकर उत्तरी दक्षिण अमेरिका तक फैली इलाके से टकरा सकता है। ये जोखिम गलियारा उत्तरी दक्षिण अमेरिका से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिणी एशिया, अरब सागर और अफ्रीका तक फैला हुआ है। ऐसे में भारत भी इस जोखिम गलियारे में आता है। दक्षिण एशिया के पाकिस्तान, बांग्लादेश, वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, सूडान, नाइजीरिया और इथियोपिया शामिल हैं।
चंद्रमा से भी टकरा सकता है
2032 में संभावित रूप से पृथ्वी से टकराने वाला क्षुद्रग्रह पृथ्वी के लिए ही नहीं बल्कि चंद्रमा के लिए भी खतरा है। हाल में वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह 2024 वाईआर-4 नामक के दिसंबर 2032 में पृथ्वी से टकराने की चेतावनी दी थी। अब एरिजोना यूनिवर्सिटी के कैटालिना स्काई सर्वे के ऑपरेशन इंजीनियर डेविड रैंकिन ने नए गणितीय हिसाब से बताया कि इस क्षुद्रग्रह के चंद्रमा से टकराने की 0.3 प्रतिशत आशंका है। उन्होंने कहा कि ऐसी भी संभावना है कि इसके चंद्रमा से टकराने पर जो कुछ पदार्थ बाहर निकलेंगे, वह पृथ्वी से टकरा सकते है। हालांकि इनसे कोई बड़ा खतरा नहीं होगा।
हिरोशिमा बमों के बराबर निकललेगी ऊर्जा
उन्होंने आगे कहा कि चंद्रमा से टकराने पर इस क्षुद्रग्रह से 340 हिरोशिमा बमों के बराबर ऊर्जा निकल सकती है। यह नजारा धरती से भी दिख सकता है। इस क्षुद्रग्रह की टक्कर से चंद्रमा की सतह पर दो किलोमीटर चौड़ा गड्ढा भी बन सकता है। गौरतलब है कि इस क्षुद्रग्रह को पहली बार दिसंबर 2024 के अंत में चिली देश में नासा की क्षुद्रग्रहों का पता लगाने वाली प्रणाली के एक स्टेशन के वैज्ञानिकों ने देखा था। उस समय इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 1.3 प्रतिशत थी, जो एक सप्ताह के भीतर लगभग दोगुनी होकर 2.3 प्रतिशत हो गई थी।