IMF की शर्तें पूरी, बांग्लादेश को मिलेगा बड़ा फंड
वित्त मंत्रालय के अनुसार, IMF की चौथी समीक्षा पूरी होने के बाद जून तक यह रकम जारी कर दी जाएगी। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय संस्था ने विनिमय दर में अधिक लचीलेपन और क्रॉलिंग पेग सिस्टम को अपनाने के लिए बांग्लादेश पर दबाव डाला था। अब ढाका सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बड़े संस्थागत बदलाव कर दिए हैं।
NBR को किया गया भंग, दो नए प्रभागों का गठन
सबसे बड़ा सुधार राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) के विघटन के रूप में सामने आया है। सरकार ने इस संगठन को भंग कर इसके स्थान पर दो नए स्वतंत्र प्रभाग बनाए हैं — एक कर नीति के लिए, और दूसरा कर संग्रह व प्रशासन के लिए। यह निर्णय IMF की प्रमुख मांगों में शामिल था, जिसका उद्देश्य कर प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़ाना है।
ढाका-वॉशिंगटन बातचीत से बनी सहमति(Bangladesh IMF agreement)
अप्रैल में ढाका में हुई IMF समीक्षा के बाद, वॉशिंगटन डीसी में स्प्रिंग मीटिंग के दौरान आगे की वार्ताएं हुईं। इन बैठकों में राजकोषीय नीति, राजस्व प्रबंधन और विदेशी मुद्रा विनिमय व्यवस्था पर गंभीर चर्चा हुई। अब वित्त मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच व्यापक सहमति बन गई है और कर्मचारी-स्तरीय समझौता भी पूरा हो चुका है।
IMF के साथ-साथ अन्य स्रोतों से भी उम्मीद
IMF की इस किस्त के अतिरिक्त बांग्लादेश को विश्व बैंक, ADB, AIIB, जापान और OPEC फंड जैसे विकास भागीदारों से 2 अरब डॉलर के अतिरिक्त बजट सहयोग की उम्मीद है। यह सहायता देश के आर्थिक स्थायित्व को और मजबूती देगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव और बेलआउट की पृष्ठभूमि
बांग्लादेश ने सन 2023 में IMF से 4.7 अरब डॉलर के बेलआउट की मांग की थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर ईंधन और गैस की कीमतों में भारी उछाल आया, जिससे बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार पर गंभीर असर पड़ा। अब तक उसे तीन किस्तों में कुल 2.3 अरब डॉलर मिल चुके हैं।
यूनुस सरकार के लिए बड़ा मौका
देश में भारी विरोध प्रदर्शनों और शेख हसीना की विदाई के बाद, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने अगस्त में पदभार संभाला था। IMF की मंजूरी को उनकी सरकार के लिए एक अहम कूटनीतिक जीत और आर्थिक सुधारों में संभावनाओं का संकेत माना जा रहा है।
बांग्लादेश के लिए यह फंडिंग नई ऊर्जा लाने वाली
बहरहाल बांग्लादेश ने IMF की कठिन शर्तों को मानते हुए व्यापक सुधारों की शुरुआत कर दी है। आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे देश के लिए यह फंडिंग नई ऊर्जा का काम करेगी। अब निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या यूनुस की सरकार इन वित्तीय सहायता और सुधारों को धरातल पर उतार पाएगी।