◙ 2021 में अमेरिका ने छोड़ा था यह एयरबेस
एक समय पर बगराम एयरबेस पर अमेरिका का कब्ज़ा था। उस समय अमेरिकी सेना की टुकड़ी अफगानिस्तान में तैनात थी। ट्रंप ने अपना पहला कार्यकाल खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का आदेश दिया था। जुलाई 2021 में अमेरिकी सेना ने बगराम एयरबेस खाली कर दिया था।
◙ बगराम एयर बेस से कुछ दूरी पर चीन बनता है घातक हथियार
ट्रंप ने दावा किया है कि वह चाहते थे कि बगराम एयरबेस अमेरिका के कब्ज़े में ही रहे। हालांकि ऐसा हो नहीं सका। ट्रंप का कहना है कि बगराम एयरबेस से करीब एक घंटे की दूरी पर चीन घातक हथियार बनाता है और इसी वजह से वह चाहते थे कि बगराम एयरबेस पर अमेरिका का ही कब्ज़ा रहे।
◙ बगराम एयर बेस पर कब्ज़े के पीछे चीन की क्या है मंशा
ट्रंप के दावे के बाद मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि चीन की बगराम एयरबेस पर कब्ज़ा करने की क्या मंशा है? दरअसल यह एयरबेस काफी बड़ा है और चीन से ज़्यादा दूर भी नहीं है। इससे सैन्य और रणनीतिक तौर पर चीन को काफी फायदा हो सकता है, क्योंकि वो न सिर्फ अपनी एक सैन्य टुकड़ी को बगराम एयरबेस पर तैनात कर सकता है, बल्कि अपने कई हथियारों को भी यहाँ रख सकता है। इससे चीन और अफगानिस्तान की तालिबान (Taliban) सरकार के भी संबंध मज़बूत हो सकते हैं और एशिया में चीन का प्रभाव भी बढ़ेगा।
◙ बढ़ सकता है अमेरिका और चीन में तनाव
टैरिफ मामले पर पहले से ही अमेरिका और चीन में तनाव बना हुआ है। दोनों देश ही एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ की जंग में बने हुए हैं। अब बगराम एयरबेस के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। जिस बगराम एयरबेस पर एक समय अमेरिका का कब्ज़ा था, अब वो चीन के कब्ज़े में आ गया है और निश्चित तौर पर यह बात ट्रंप को पसंद नहीं आएगी।