यह पाकिस्तान की तनाव बढ़ाने की रणनीति ?
भारत के अनुसार, पाकिस्तान यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय पर कर रहा है, जब दोनों देशों के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है। खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत में गुस्सा बढ़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने बैसरन मैदान में हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय गाइड शामिल थे। इसके बाद भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी -सिंधु जल संधि को समाप्त कर दिया, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए और देश छोड़ने के लिए समय सीमा तय की थी।
पाकिस्तान की चेतावनियां और भारत की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारा ने दावा किया था कि भारत 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है, लेकिन 72 घंटे से ज्यादा बीतने के बाद भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई। इसके साथ ही पाकिस्तान ने शिमला समझौते सहित भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की धमकी दी है।
भारत ने आयात पर रोक लगाई
भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयातों पर रोक लगा दी है, बल्कि पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों को भारतीय समुद्री सीमा में प्रवेश करने से भी रोक दिया है। दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है और राजनयिक स्तर भी घटा दिया गया है।
तनाव का आम लोगों पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों पर होगा। चिकित्सा वीजा बंद होने से कई पाकिस्तानी मरीजों की जिंदगी संकट में पड़ गई है, जो इलाज के लिए भारत आते थे। व्यापार रुकने से आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है।
भारत-पाक के बीच बढ़ता तनाव : क्या ये टकराव युद्ध की ओर बढ़ रहा है ?
पाकिस्तान द्वारा 450 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण करने के दावे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के कारण दोनों देशों के बीच माहौल पहले से ही तनावपूर्ण था।
भारत की प्रतिक्रिया क्यों सख्त है?
भारत ने इस मिसाइल परीक्षण को केवल एक तकनीकी अभ्यास मानने से इनकार कर दिया है। भारतीय रक्षा सूत्रों का मानना है कि यह कदम जानबूझकर उकसाने वाला है, खासकर ऐसे समय में जब आतंकवाद को लेकर पहले ही पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है। भारत ने इसे गंभीर उकसावा बताया है और स्पष्ट किया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
बढ़ता तनाव केवल सीमा तक नहीं सीमित नहीं
बहरहाल भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रहा। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव केवल सीमा पर नहीं, बल्कि राजनयिक, व्यापारिक और मानवीय स्तर पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। मिसाइल परीक्षण, आतंकी हमले और जवाबी कार्रवाई – ये सभी कदम उप महाद्वीप में शांति की संभावनाओं को कमजोर कर रहे हैं।