महमूद रशद की क़ाहिरा में रॉन डेरमर से मुलाक़ात
इससे पहले, मिस्र की सरकारी समाचार एजेंसी अल-क़ाहिरा न्यूज टीवी ने बताया कि मिस्र के खुफिया प्रमुख जनरल हसन महमूद रशद सोमवार क़ाहिरा में सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डेरमर के नेतृत्व में एक इज़राइली प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात होने के बारे में पहले ही बता दिया था।
यह क्षेत्र इज़राइल के लिए ख़तरा न बने
रॉयटर्स एजेंसी के मुताबिक वार्ता में प्रगति होने से पहले कल रात कब्जे वाले यरुशलम में आयोजित एक सम्मेलन में रॉन डेरमर ने कहा कि सरकार बंधकों की वापसी, ग़ाज़ा में हमास की सैन्य क्षमता व शासन समाप्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह क्षेत्र इज़राइल के लिए ख़तरा न बने।
36 घंटों में 100 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की मौत (Palestinian casualties)
पिछले 36 घंटों के दौरान ग़ाज़ा के अस्पतालों में इज़राइली सेना की ओर से 100 लोगों की हत्या होने की खबर सामने आई है। ध्यान रहे कि 7 अक्टूबर 2023 को अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से इज़राइल ने कम से कम 52,314 फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है और 17,792 को घायल किया है। जबकि 18 मार्च को इज़राइल ने दुबारा हमला शुरू करने के बाद से कम से कम 2,222 फ़िलिस्तीनियों की हत्या कर दी है।
इज़राइल ने ग़ाज़ा की अधिकतर आबादी को विस्थापित कर दिया
दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि इज़राइल ने ग़ाज़ा की अधिकतर आबादी को जबरन विस्थापित कर दिया है और जानबूझ कर मानव विनाश की स्थितियां पैदा कर के दुनिया को प्रत्यक्ष नरसंहार का गवाह बना दिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य शक्तिहीन प्रतीत होते हैं, इज़राइल ने हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है, पूरे बहुजातीय परिवारों को मिटा दिया है, और घरों, आजीविकाओं, अस्पतालों और स्कूलों को नष्ट कर दिया है।
इज़राइल की कार्रवाई के कारण 19 लाख फ़िलिस्तीनी विस्थापित हो गए
एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि 2024 के दौरान उसने इज़राइल की ओर से किए गए कई युद्ध अपराधों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें नागरिकों और नागरिक संपत्तियों पर प्रत्यक्ष ,अंधाधुंध और असंगत हमले शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि इज़राइल की कार्रवाई के कारण 19 लाख फ़िलिस्तीनी जबरन विस्थापित हो गए हैं, जो ग़ाज़ा की आबादी का लगभग 90 प्रतिशत हैं। इसके अलावा 65,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं।
इज़राइल फिलिस्तीनी बच्चों की मुश्किलें बढ़ा रहा : सरकारी मीडिया कार्यालय
इस बीच, अल जज़ीरा के अनुसार, ग़ाज़ा स्थित सरकारी मीडिया कार्यालय ने इज़राइल पर आरोप लगाया है कि वह अपनी ओर से जारी नाकेबंदी के माध्यम से फिलिस्तीनी बच्चों की मुश्किलें बढ़ा रहा है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर कुपोषण फैल गया है और प्रतिदिन भूख से जूझने वाले 11 लाख बच्चों में से 65,000 से अधिक बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
बच्चों और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में भारी गिरावट
बयान में कहा गया है कि इज़राइल भूख और प्यास को नागरिकों के खिलाफ युद्ध के एक व्यवस्थित हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का साफ तौर पर उल्लंघन है। बयान के अनुसार सीमा पार मार्गों के लगातार बंद रहने से बच्चों और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में भारी गिरावट आई है। कार्यालय ने बिगड़ती मानवीय आपदा, भोजन, दवा और स्वच्छ जल की कमी के लिए इज़राइल को पूरी तरह ज़िम्मेदार ठहराया है, जिससे लाखों बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों का जीवन खतरे में पड़ गया है।