Illegal Immigrants: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के आदेश के बाद भारत समेत कई देशों के अप्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है। भारत में अब तक 300 से ज्यादा अवैध प्रवासी लोग वापस आ चुके हैं। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर एक गुजरात का व्यक्ति पकड़ा गया है जो 5 महीने में दो बार डिपोर्ट हो चुका है। पहले ब्रिटेन से और फिर अमेरिका से। ये शख्स गुजरात के आणंद जिले का है। इस शख्स के पास दोनों देशों के नकली डॉक्यूमेंट्स मिले हैँ। इस शख्स का नाम मनोज पटेल (बदला हुआ नाम) बताया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाला देते हुए बताया है कि इस बारे में 2 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था। ये शख्स 2010 में नकली पार्टनर वीज़ा बनवाकर यूके चला गया था। वहां ये अवैध रूप से घुसा जब इसकी वहां पर पहचान हुई तब उसे सितंबर 2024 में ब्रिटेन से भारत वापस भेज दिया गया।
पाकिस्तानी तस्कर से मिलकर बनावाया जर्मनी का नकली पासपोर्ट
ब्रिटेन से वापस भारत भेजने के बाद इस गुजराती शख्स ने पाकिस्तान के कबीर खान नाम के एक मानव तस्कर से संपर्क साधा, उसके साथ मिलकर इसने एक जर्मनी का पासपोर्ट बनावाया। एजेंट के कहने पर मनोज ने अपने नकली डॉक्यूमेंट को असली दिखाने के लिए उसी नकली पासपोर्ट से जर्मनी और पुर्तगाल की यात्रा भी की।
और फिर पिछले ही महीने 30 जनवरी को उसने अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश की। हालांकि उसे न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर US कस्टम ड्यूटी और सीमा सुरक्षा अधिरकारियों ने उसे पकड़ लिया। अधिकारियों ने उसका नकली पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Immigration Policy) के आदेश के मुताबिक एक ट्रैवल लेटर के साथ इस महीने की शुरुआत में भारत वापस भेज दिया। फिर अमेरिका से दिल्ली एयरपोर्ट आए इस शख्स को 2 फरवरी पकड़ा गया। इस पर पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है। अब मनोज पर केस दर्ज कर जांच की जा रही। अधिकारी अब उन एजेंट्स तक भी पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जो नकली पासपोर्ट और डॉक्यूमेंट्स बनाकर ऐसे लोगों को दे रहे हैं।
जनवरी में 3150 भारतीय अवैध रूप से सीमा पार करते पकड़े गए
बता दें कि अमेरिकी कस्टम और सीमा सुरक्षा के जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2025 में 3150 भारतीय अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़े गए। हालांकि ये आंकड़ा दिसंबर में पकड़े गए 5625 लोगों के मुकाबले काफी कम पाया गया। गौर करने वाली बात ये है कि इनमें से 1000 से 1500 लोग गुजरात के हैं, इनमें से बड़ी संख्या में लोगों के पास फर्जी दस्तावेज मिले हैं।