scriptभारत से 6 जहाज़ों में अमेरिका क्यों भेजे गए 15 लाख से ज्यादा आईफोन, एप्पल की सप्लाई चेन में नया क़दम | India sends more than 1.5 million iPhones to the US in 6 ships, a new step in Apple's supply chain | Patrika News
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भारत से 6 जहाज़ों में अमेरिका क्यों भेजे गए 15 लाख से ज्यादा आईफोन, एप्पल की सप्लाई चेन में नया क़दम

Apple iPhones export from India: एपल ने भारत से 6 जहाजों में 15 लाख से ज्यादा आईफोन अमेरिका भेजे हैं, ताकि टैरिफ से बच सके और उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी न हो। भारतीय निर्यातकों ने 90 दिनों की मोहलत का लाभ उठाते हुए तेजी से ऑर्डर पूरे करने की कोशिश की है।

भारतApr 12, 2025 / 03:39 pm

M I Zahir

Apple iPhones export from India

Apple iPhones export from India

Apple iPhones export from India: अमेरिका के प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) ने जवाबी टैरिफ 90 दिनों के लिए टाल दिया है। विश्व की अग्रणी टेक कंपनी एपल (Apple) ने भारत से अमेरिका को 6 जहाजों और कई कार्गो विमानों के ज़रिए 15 लाख से अधिक iPhone भेजे हैं। यह कदम कंपनी ने अमेरिका ( America) की ओर से प्रस्तावित टैरिफ (import duty) से बचने के लिए उठाया है, ताकि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि न करनी पड़े। रिपोर्ट के अनुसार, 600 टन से अधिक आईफोन( iPhones) भारत से अमेरिका भेजे गए हैं। एप्पल भारत के साथ चीन में स्थित अपने मैन्युफैक्चरिंग सेंटर्स से अमेरिका में स्टॉकपाइलिंग कर रही है।

भारतीय निर्यातक भी सक्रिय हो गए

दरअसल भारतीय निर्यातक भी सक्रिय हो गए हैं और तेज़ी से अमेरिकी ऑर्डर पूरे कर रहे हैं। बंदरगाहों पर कंटेनर और कार्गो जहाजों की भीड़ देखी जा रही है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) का कहना है कि भारत को इस मौके का उपयोग करते हुए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर आगे बढ़ना चाहिए।

एप्पल भारत को वैश्विक सप्लाई चेन हब के रूप में विकसित कर रहा

इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि एपल अब भारत को अपने वैश्विक सप्लाई चेन हब के रूप में विकसित कर रहा है। पहले यह भूमिका मुख्य रूप से चीन निभाता था, लेकिन बदलती भूराजनीतिक स्थिति और व्यापार नीति में अनिश्चितताओं को देखते हुए, भारत को यह नया अवसर मिला है।

भारतीय निर्यातकों को 26% रैसिप्रोकल टैरिफ न लगने पर राहत

भारतीय निर्यातकों ने 26 प्रतिशत रैसिप्रोकल टैरिफ फिलहाल नहीं लगाने पर राहत की सांस ली है। निर्यातक मौजूदा स्थिति का सामना करने के लिए अमरीकी एक्सपोर्ट ऑर्डर तेजी से पूरे करने में जुटे हुए हैं, जिससे बंदरगाहों पर कार्गो शिप और कंटेनरों का जमावड़ा लगा हुआ है। इसके साथ ही भारतीय निर्यातक दूसरे देशों में अवसर खंगालने में भी जुट गए हैं।

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर कदम बढ़ाना चाहिए

उनका यह भी कहना है कि सरकार को इस दौरान अमरीका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर तेजी से कदम बढ़ाना चाहिए। फैडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के डीज डॉ. अजय सहाय ने कहा, इस अवधि का अधिकतम उपयोग करते हुए भारत को अमेरिका के साथ बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट जल्द लागू करने पर फोकस करना चाहिए।

शॉर्ट टर्म में मदद मिलेगी

फियो ने कहा, 90 दिन की इस अवधि में भारत के निर्यातक अपना माल तय समय से पहले भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। इससे टैरिफ लागू होने से पैदा होने वाली स्थिति का असर घटाया जा सकेगा। हालांकि इससे शॉर्ट टर्म में मदद मिलेगी। अब दूसरे देशों में निर्यात बढ़ाना जरूरी है। वहीं फेडरेशन ऑफ इंडियन एमएसएमई (फिस्मे) ने कहा, गारमेंट्स के बड़े खरीदार विंटर सीजन के लिए ऑर्डर साइज घटाने लगे थे। अब विंटर सीजन के लिए सप्लाई पर असर नहीं पड़ेगा। ग्लोबल वैल्यू चेन के लिए भी अपने सप्लाई बेस रीलोकेट करने का समय मिल गया है।

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