थल,जल, वायु तीनों सेना ने दिखाया पराक्रम
गणतंत्र दिवस परेड में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के समाने इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की 152 सदस्यीय टुकड़ी ने परेड में अपना शौर्य दिखाया। इस परेड में थलसेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने शानदार तालमेल के साथ मार्च किया। सम्मान गार्ड की वर्दी पहने इन जवानों ने इंडोनेशिया की सैन्य तत्परता और राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया। परेड करते हुए जवानों ने उनका आदर्श वाक्य “भिन्निका तुंगगल इका” (Bhinneka Tunggal Ika) यानी ‘विविधता में एकता’ था। ये इंडोनेशिया की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अखंडता को दर्शाता है।
प्रतीक चिह्न में गरुड़ भी शामिल
इस परेड में सैन्य जवानों ने इंडोनेशिया के राष्ट्रीय ध्वज के साथ गरुड़ के चिह्न वाले और कई राष्ट्रीय प्रतीकों को शामिल किया था। इस परे़ड में इंडोनेशिया की सैन्य अकादमी “जेंडरंग सुलिंग कांका लोकानंता” के 190 सदस्य वाले सैन्य बैंड ने परेड में हिस्सा लिया।
संस्कृत भाषा से है बैंड के नाम का जुड़ाव
ये बैंड अपने आपको बेहद खास इसलिए बनाता है क्योंकि इसकी भारत की प्राचीनतम भाषा संस्कृत से जुड़ाव है। जी हां, ये बैंड अनुशासन और एकता का प्रतीक माना जाता है। ‘कांका लोकानंता’ नाम का अर्थ संस्कृत शब्द से लिया गया है। जिसका मलतब होता है तुरही (एक वाद्य यंत्र), लोकानंता का अर्थ है स्वर्ग जैसे आवाज।
बैंड में ये वाद्य यंत्र भी शामिल
सिर्फ इतना ही नहीं इंडोनेशिया की सेना के इस बैंड के औपचारिक प्रदर्शनों के अलावा कई और संगीत वाद्ययंत्र शामिल हैं। जिन्हें कई राष्ट्रीय मौकों पर प्रदर्शित किया जाता है। इसमें बांसुरी, बास ड्रम, बेलीरास, ट्रॉम्बोन्स, टेनर ड्रम, ट्रम्पेट, स्नेयर ड्रम शामिल है।
भारत के पहले गणतंत्र पर भी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति थे मुख्य अतिथि
गौर करने वाली बात ये है कि भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर भी इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो ने हिस्सा लिया था और अब 75 साल बाद देश के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया का मौजूदा राष्ट्रपति मुख्य अतिथि बने हैं। इससे पहले भी दो और तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति आ चुके हैं। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी कहा गया है कि भारत के इंडो-पैसिफिक में इंडोनेशिया जैसे महत्वपूर्ण देश के साथ स्थायी संबंधों बेहद गहरें हैं।
इंडोनेशिया का वर्तमान राष्ट्रपति के साथ 6 कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों और एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल आया हुआ है। ये प्रबोवो सुबियांटो की भारत की पहली राजकीय यात्रा है। हालांकि वे 2020 में रक्षा मंत्री के तौर पर पहले भारत आ चुके हैं। उन्होंने 2024 में G-20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।