scriptईरान ने अमेरिका-इज़राइल को चेताया, किया 1200 किमी रेंज वाली ‘क़ासिम बशीर’ मिसाइल का परीक्षण | Iran Unveils ‘Qassem Basir’ Missile with 1,200 KM Range Amid US-Israel Tensions | Patrika News
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ईरान ने अमेरिका-इज़राइल को चेताया, किया 1200 किमी रेंज वाली ‘क़ासिम बशीर’ मिसाइल का परीक्षण

Iran missile test: ईरान ने इज़राइल और अमेरिका को संदेश दिया है कि यदि उस पर हमला किया गया या युद्ध थोपा गया तो वह बलपूर्वक जवाब देगा।

भारतMay 05, 2025 / 03:20 pm

M I Zahir

Iran missile test

Iran missile test

Iran missile test : ईरान ने पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच हाल ही में 1,200 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली एक नई बैलिस्टिक मिसाइल, कासिम बसीर का परीक्षण किया है। ईरानी समाचार एजेंसी मेहर न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी रक्षा मंत्री जनरल अज़ीज़ नासेरज़ादेह ने रविवार रात 8:30 बजे एक समाचार कार्यक्रम में प्रसारित एक साक्षात्कार के दौरान राष्ट्रीय ईरानी टीवी को बताया कि नई ठोस ईंधन मिसाइल में पिछली मिसाइलों की तुलना में बेहतर गतिशीलता होगी और यह THAAD, पैट्रियट और इज़राइल जैसी विभिन्न वायु रक्षा प्रणालियों से सुरक्षित होगी।

ईरान ने मिसाइल परीक्षण का एक वीडियो भी प्रसारित किया

ईरानी रक्षा मंत्री के साथ साक्षात्कार के दौरान मिसाइल परीक्षण का एक वीडियो भी प्रसारित किया गया, जिसमें दिखाया गया कि बैलिस्टिक मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल का परीक्षण पिछले महीने 17 अप्रैल को किया गया था।

यह मिसाइल अत्यधिक मजबूत व सक्षम

टीवी होस्ट ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष ज़ायोनी इजरायली सरकार के खिलाफ दो प्रतिशोध अभियानों, जिन्हें ट्रू प्रॉमिस वन और टू नाम दिया गया था, से प्राप्त अनुभव के बाद यह मिसाइल अत्यधिक मजबूत व सक्षम है।

ईरान के रक्षा मंत्री की अमेरिकियों को चेतावनी

रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय टीवी को दिए साक्षात्कार में अमेरिकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हम पर हमला किया गया या हम पर युद्ध थोपा गया तो हम बलपूर्वक जवाब देंगे।

हम उनके ठिकानों पर हमला करेंगे : जनरल नसीरज़ादा

जनरल अज़ीज़ नसीरज़ादा ने कहा कि हम उनके ठिकानों पर हमला करेंगे और हम इस संबंध में कोई हिचकिचाहट नहीं करेंगे और कोई सीमा नहीं देखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि हम अपने पड़ोसी देशों के दुश्मन नहीं हैं और वे हमारे भाई हैं, लेकिन उनकी धरती पर स्थित अमेरिकी ठिकाने हमारे निशाने पर होंगे।

ईरान और इज़राइल के बीच विवाद

ईरान और इज़राइल के बीच विवाद वर्षों से चले आ रहे राजनीतिक, सैन्य और वैचारिक टकरावों पर आधारित है। इज़राइल ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, जबकि ईरान इज़राइल को “ज़ायोनी शासन” कहकर उसका कड़ा विरोध करता है। सीरिया, लेबनान और गाज़ा में ईरान समर्थित गुटों की सैन्य गतिविधियाँ और इज़राइली हवाई हमले इस संघर्ष को और जटिल बना देते हैं। हाल के वर्षों में साइबर हमलों, छिपे ऑपरेशनों और मिसाइल हमलों ने इस टकराव को खुली लड़ाई के कगार तक पहुंचा दिया है, जिससे पूरे मध्य पूर्व की स्थिरता खतरे में पड़ गई है।

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव

ईरान और अमेरिका के बीच विवाद दशकों पुराना और बहुआयामी है, जिसकी जड़ें 1979 की ईरानी इस्लामी क्रांति और अमेरिकी दूतावास संकट से जुड़ी हुई हैं। इसके बाद से दोनों देशों के बीच अविश्वास लगातार गहराता गया है। अमेरिका ईरान को आतंकवाद का समर्थक मानता है और उसकी परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक शांति के लिए खतरा बताता है, जबकि ईरान अमेरिकी सैन्य मौजूदगी और प्रतिबंधों को अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानता है। परमाणु समझौता (JCPOA) और उसका अमेरिका की ओर से एकतरफा त्याग इस तनाव को और बढ़ा चुका है। हाल के वर्षों में सैन्य झड़पें, ड्रोन हमले और प्रतिबंधों के दौर ने दोनों देशों को बार-बार युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

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