पहलगाम अब आतंक से जुड़ी भारतीय त्रासदियों में शामिल
प्रीति पटेल ने संसद में बताया कि पहलगाम अब उन भारतीय शहरों की सूची में शामिल हो गया है जो “आतंकवाद की बर्बरता का शिकार” हो चुके हैं, जैसे मुंबई और नई दिल्ली। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जो 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए, उनमें से अधिकांश को सिर में गोली मार कर बेरहमी से हत्या की गई।
भारत और पाकिस्तान तनाव कम करें
उन्होंने भारत के साथ ब्रिटेन के सुरक्षा सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुूए कहा, ” पाकिस्तान वह देश है, जहां ओसामा बिन लादेन छिपा हुआ था। और भारत पर आतंकवादियों की हिंसा के लंबे इतिहास के कारण ब्रिटेन ने भारत के साथ दीर्घकालिक सुरक्षा सहयोग समझौते किए हैं। वास्तव में, पिछले सप्ताहांत, इस सदन ने सरकार को उन दीर्घकालिक सुरक्षा समझौतों की याद दिलाई, कि वे क्यों मौजूद हैं और वे ब्रिटेन में हमारे लिए क्यों मायने रखते हैं।”
हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान सरकारों के बीच क्या प्रत्यक्ष चर्चाएँ हो रही हैं
सुश्री पटेल ने हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक जुड़ाव के बारे में भी पूछा,”पिछले सप्ताह मंत्री ने कहा था कि हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर के अपनी भूमिका निभा रहे हैं कि तनाव न बढ़े। उन्होंने पूछा,ब्रिटिश सरकार की भूमिका है और उसे तनाव कम करने में मदद के लिए अपने प्रभाव का लाभ उठाने की आवश्यकता है। तो क्या मंत्री सदन को बता सकते हैं- दो सप्ताह पहले हुए हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान सरकारों के बीच क्या प्रत्यक्ष चर्चाएँ हो रही हैं?
मिल कर काम करने का आग्रह किया
पटेल ने ब्रिटेन की अधिक सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए सरकार से वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सहयोगियों के साथ मिल कर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने ब्रिटेन सरकार पर दबाव डाला कि वह स्पष्ट करे कि पाकिस्तान में वर्तमान में कौन से आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं, जो ब्रिटेन और उसके सहयोगियों के लिए खतरा बन सकते हैं।
क्या मंत्री के पास तनाव कम करने में सहायता करने की कोई योजना है ?
मंत्री ने विदेश सचिव की ओर से समकक्षों के साथ की गई बातचीत और संवाद का उल्लेख करते हुए पूछा,”क्या ब्रिटेन को भारत की ओर से की जा रही कार्रवाइयों के बारे में पहले से सूचित किया गया था और क्या मंत्री के पास इन तनावों को कम करने में सहायता करने की कोई योजना है?
ब्रिटिश सरकार आतंकवादी नेटवर्क को गंभीरता से ले
पटेल ने कहा,”यह जरूरी है कि ब्रिटेन सरकार स्पष्ट करे कि क्या वह मानती है कि लश्कर-ए-तैयबा, जो पहले से ही एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, अब वैश्विक जिहादी संगठनों जैसे हमास के साथ सहयोग कर रहा है।”
पाकिस्तान को दी जा रही सहायता की निगरानी की मांग
प्रीति पटेल ने ब्रिटिश सरकार से यह भी पूछा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी आर्थिक या तकनीकी सहायता आतंकी संगठनों के हाथों में तो नहीं जा रही है। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में छिपे थे। यह समय है जब ब्रिटेन पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी ढांचों की गंभीर समीक्षा करे।”
वैश्विक खतरे की चेतावनी (UK India security cooperation)
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में पटेल ने कहा कि अगर लश्कर और हमास जैसे संगठन एक दूसरे से जुड़ते हैं, तो यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन और अमेरिका सहित पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। “इन आतंकी गठबंधनों को अनदेखा करना हमारी वैश्विक सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है। यह समय है कि पश्चिमी देश आंखें खोलें और आतंकवाद के इस नए स्वरूप को गंभीरता से लें।”
संघर्ष विराम उल्लंघन पर कड़ी नजर
इस बीच, रक्षा अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले करने के बाद भारतीय सेना पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन पर कड़ी नजर रख रही है। बहरहाल ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने लश्कर-ए-तैयबा और हमास के बीच संभावित आतंकी गठबंधन को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने पहलगाम हमले के संदर्भ में पाकिस्तान से संचालित आतंकी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।