पाकिस्तान में आए भूकंपों की श्रृंखला
रविवार को आए भूकंप के बाद यह दूसरी भूकंपीय घटना थी। इससे पहले, उसी दिन सुबह 5.2 तीव्रता का एक और भूकंप पाकिस्तान के एक अन्य क्षेत्र में आया था। यह भूकंप 150 किलोमीटर की गहराई पर था, लेकिन उथला भूकंप अधिक खतरे का कारण बन सकता है।
यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधि से प्रभावित रहा है
ध्यान रहे कि इन संपूर्ण घटनाओं से पहले, 15 जून को भी पाकिस्तान में 4.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया था, जो 10 किलोमीटर की गहराई पर महसूस किया गया था। इस प्रकार, यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधि से प्रभावित रहा है और यह ताज़ा घटनाएँ इस क्षेत्र में भूकंपों के लगातार होने का संकेत देती हैं।
उथले भूकंपों का अधिक प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक ख़तरनाक होते हैं। उथले भूकंपों में भूकंपीय तरंगें ज्यादा तेज़ी से फैलती हैं, जिससे ज़मीन पर कंपन अधिक महसूस होता है। इसके परिणामस्वरूप संरचनाओं को ज्यादा नुकसान हो सकता है और हताहतों का खतरा भी बढ़ सकता है। राष्ट्रीय सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने अपनी पोस्ट में बताया, “ईक्यू ऑफ एम: 4.5, ऑन: 29/06/2025 08:02:51 IST, अक्षांश: 30.24 N, देशांतर: 69.86 E, गहराई: 10 किमी, स्थान: पाकिस्तान।” इस समय पाकिस्तान में और इसके आसपास के इलाकों में स्थिति पर सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है, और विशेषज्ञों की तरफ से लगातार जानकारी का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
भविष्य में भूकंप से बचने के लिए सुरक्षा उपाय
किसी भी भूकंप से बचने के लिए, उथले भूकंपों से सुरक्षा के उपायों को लेकर स्थानीय लोगों को सावधान किया जा रहा है। सभी नागरिकों को संरचनाओं के सही निर्माण और भूकंपीय सुरक्षा मानकों के पालन की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी भी संभावित भूकंपीय गतिविधि के दौरान नुकसान को कम किया जा सके।
लोगों में डर, विशेषज्ञों की चेतावनी
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि “जमीन हिलते ही लगा जैसे नीचे कुछ फट रहा हो। घरों की खिड़कियां और दरवाज़े हिलने लगे।” उथले भूकंप सतह के बेहद नज़दीक होते हैं
भूकंपीय विशेषज्ञ डॉ. इमरान क़ुरैशी ने बताया: “ उथले भूकंप सतह के बेहद नज़दीक होते हैं। इसलिए इनमें ऊर्जा का प्रसार तीव्र होता है और ज़्यादा कंपन महसूस होता है। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो स्ट्रक्चरल डैमेज का खतरा और बढ़ेगा।”
प्रशासन अलर्ट, गहराई की जाँच जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और संबंधित एजेंसियां ज़मीन की चाल और आगे के आफ्टरशॉक्स पर नज़र रख रही हैं। एक NDMA अधिकारी ने बताया:”हमें इन झटकों के बाद संभावित आफ्टरशॉक्स का अनुमान है। इसलिए स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।” विज्ञान व तकनीकी विभाग भी लगातार एनसीएस के साथ मिलकर भूकंपीय आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है।
क्या पाकिस्तान में बन रहा है नया सीस्मिक पैटर्न ?
विशेषज्ञों के अनुसार, जून महीने में यह तीसरी बड़ी भूकंपीय घटना है। 15 जून को भी इसी क्षेत्र में 4.4 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया था। इससे संकेत मिलता है कि यह इलाका अब “सीस्मिक क्लस्टर” में बदल रहा है। भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि इंडियन और यूरेशियन प्लेटों के टकराव के कारण यह इलाका सक्रिय ज़ोन में आता है और भविष्य में बड़े भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
भूकंप के जोखिम से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन की तैयारी
पाकिस्तान में भूकंपीय गतिविधियों के बढ़ते खतरे के मद्देनज़र, प्रशासन ने हर संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, नागरिकों को भी भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थानों पर जाने और उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी जा रही है। बहरहाल पाकिस्तान में भूकंपीय गतिविधियों का खतरा बना हुआ है, और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए है।