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ईरान-अमेरिका टकराव पर ट्रंप की तैयारी: हमले की योजना बनी, लेकिन अचानक आदेश रोके, जानिए इनसाइड स्टोरी

Trump Iran Military Strike Plan: मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर विस्फोटक मोड़ पर पहुंच गया है, और इस बार, इसका केंद्र बिंदु है ईरान के परमाणु ठिकाने और अमेरिका की संभावित सैन्य कार्रवाई।

भारतJun 19, 2025 / 04:11 pm

M I Zahir

Iran–Israel War (Photo – IANS)

Trump Iran Military Strike Plan: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने अपने सलाहकारों के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ सटीक सैन्य हमलों को निजी तौर पर मंजूरी दे दी है, लेकिन तेहरान के परमाणु कार्यक्रम (Iran nuclear sites) के संबंध में जवाब मिलने तक आगे बढ़ने के लिए अंतिम आदेश जारी करने से रोक दिया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने अपने वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को स्पष्ट किया कि ईरान के परमाणु ठिकानों को लक्षित करने की योजना को उन्होंने मंजूरी (Trump Iran strike) दे दी है, लेकिन जब तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तब तक वह हमले शुरू नहीं करेंगे। अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति के बिना इस संबंध में निर्णय न लेने का प्रस्ताव पेश किया गया है। ट्रंप ने साफ किया कि “संपूर्ण आत्मसमर्पण” के बिना वह केवल युद्ध विराम नहीं चाहते, बल्कि “पूर्ण और निर्णायक विजय” की उम्मीद कर रहे हैं। रिपोर्ट का दावा है कि फोर्डो परमाणु संयत्र मुख्य लक्ष्य है।

आखिर क्या है हमले की रणनीति ?

“मैं कर सकता हूं, मैं नहीं भी कर सकता… अंतिम निर्णय मैं युद्ध से एक सेकंड पहले लेना पसंद करता हूं, क्योंकि हालात पल-पल बदलते हैं।” — डोनाल्ड ट्रंप
ट्रंप ने इशारा दिया कि अगला सप्ताह निर्णायक हो सकता है, जिसमें हमले की संभावना सबसे अधिक है।

ये हैं संभावित टारगेट्स

रक्षा विश्लेषकों की माने तो संभावित टारगेट्स में शामिल हैं:

फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र।
नान्ताज न्यूक्लियर फैसिलिटी।

और अन्य गुप्त सैन्य केंद्र जो गहरी ज़मीन के भीतर बने हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल विशेष गहराई-विस्फोटक बम ही इन ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर सकते हैं।

इज़राइल के हमले से बढ़ी हलचल, अमेरिका की तैयारी

इस पूरी स्थिति की पृष्ठभूमि में, इज़रायल ने तेहरान और नान्ताज जैसे स्थानों पर भीषण हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में 450 से अधिक ईरानी नागरिकों की मौत हुई है, जबकि इज़रायल की ओर 24 लोगों के हताहत होने की खबर है।
हालांकि अमेरिका ने आधिकारिक रूप से इन हमलों में सीधी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन गोपनीय सैन्य सहयोग की बात रक्षा सूत्रों ने स्वीकारी है।

अमेरिकी सैन्य हलचल: प्रत्यक्ष हस्तक्षेप का इशारा ?

अमेरिका ने पूर्वी भूमध्य सागर और अरब सागर में अतिरिक्त नौसेना बल तैनात कर दिए हैं।

यह कदम जहां एक ओर रक्षात्मक दिखता है, वहीं इसे अमेरिका की संभावित प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी की तैयारी भी माना जा रहा है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इज़रायल को ईरानी मिसाइल हमलों से बचाने के लिए मदद दी है, जो यह संकेत देता है कि संघर्ष क्षेत्र में अमेरिका की मौजूदगी बढ़ रही है।

ईरान की चेतावनी: “हमला हुआ तो परिणाम होंगे अपूरणीय”

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रंप के शर्तों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और कड़ी चेतावनी जारी की है:
“अगर अमेरिका कोई सैन्य कार्रवाई करता है, तो इसके परिणाम अपूरणीय होंगे।”

अमेरिका और इज़राइल युद्ध का नया अध्याय लिखना चाहते हैं

ईरान सरकार के प्रवक्ता ने कहा: “अमेरिका और इज़राइल मिलकर क्षेत्र में युद्ध का नया अध्याय लिखना चाहते हैं। हम शांतिपूर्ण रहना चाहते हैं लेकिन मजबूरी में जवाब देंगे।”

परमाणु ठिकानों पर हमला अंतराष्ट्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए कहा: “परमाणु ठिकानों पर हमला अंतराष्ट्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा होगा। वार्ता ही एकमात्र रास्ता है।”

ट्रंप की आक्रामक रणनीति पर उठने लगे सवाल

अमेरिकी राजनयिकों का मत है कि ट्रंप की आक्रामक रणनीति घरेलू राजनीति और चुनावी समीकरणों से भी जुड़ी हो सकती है।

सुगलते सवाल : एक नजर

क्या ट्रंप अगले सप्ताह हमला शुरू करेंगे?

उनकी बयानबाज़ी और सैन्य तैनाती इस ओर इशारा कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका क्या होगी?

अगर हमला होता है, तो सुरक्षा परिषद की आपात बैठक और प्रस्ताव संभव हैं।

ईरान क्या जवाब देगा?

खामेनेई की चेतावनी के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ईरान कैसे प्रतिक्रिया करता है — सैन्य या कूटनीतिक?

अमेरिकी चुनावी रणनीति

ट्रंप का यह निर्णय आंतरिक राजनीति से प्रेरित हो सकता है, जिससे वह “नेशनल सिक्योरिटी” के एजेंडे पर वापसी कर सकें।

इज़राइल की बढ़ती भूमिका

ईरानी ठिकानों पर पहला हमला इज़रायल ने किया था,यह अमेरिका को खुल कर युद्ध में खींचने की रणनीति हो सकती है।

तेल की कीमतों पर असर

अगर हमला होता है तो खाड़ी क्षेत्र से तेल आपूर्ति बाधित होगी, जिससे वैश्विक तेल कीमतों में उछाल आ सकता है।

ईरान का दावा, परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए

बहरहाल ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन अमेरिका और इज़राइल को आशंका है कि ईरान परमाणु हथियार तैयार कर रहा है।

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