कार्नी ने कहा है कि कनाडा-अमेरिका इस मुद्दे पर अभी बातचीत कर रहे हैं
कनाडा ने ट्रंप की योजना में शामिल होने पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि वे किसी भी शर्त पर अपनी संप्रभुता और वित्तीय हितों से समझौता नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा है कि कनाडा और अमेरिका इस मुद्दे पर अभी बातचीत कर रहे हैं, और कनाडा की सुरक्षा और हित सर्वोपरि होंगे।
ट्रंप के बयान कनाडाई जनता में असहमति पैदा कर सकते हैं
हालांकि, दोनों देशों के बीच जारी व्यापारिक तनाव और टैरिफ युद्ध ने इस सहयोग की राह में बाधाएं पैदा की हैं। अमेरिकी सीनेट के प्रमुख डेमोक्रेट जैक रीड ने भी चिंता जताई है कि ट्रंप के बयान कनाडाई जनता में असहमति पैदा कर सकते हैं, जिससे साझेदारी मुश्किल हो सकती है।
‘गोल्डन डोम’ का क्रियान्वयन कनाडा की भागीदारी के बिना लगभग असंभव
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘गोल्डन डोम’ का सफल क्रियान्वयन कनाडा की भागीदारी के बिना लगभग असंभव है। कनाडा ने पिछले दशकों से ही उत्तरी अमेरिका की सामूहिक रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इस भूमिका को अब भी जारी रखना चाहता है।
कनाडा में राजनीतिक वर्ग बंट गया है
डोनाल्ड ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना ने न केवल अमेरिका में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खलबली मचा दी है। कनाडा में राजनीतिक वर्ग बंट गया है – एक ओर कुछ लोग इसे “उत्तरी अमेरिका की सुरक्षा के लिए आवश्यक” मानते हैं, वहीं दूसरी ओर इसे “संप्रभुता के साथ समझौता” कहा जा रहा है।
कनाडा ने समर्थन नहीं दिया, तो यह केवल महंगा सपना बनकर रह जाएगा
अमेरिकी रक्षा विश्लेषक डेविड इग्नेशियस ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा: “गोल्डन डोम को अगर कनाडा ने समर्थन नहीं दिया, तो यह केवल महंगा सपना बनकर रह जाएगा।” ग्रीनपीस और पर्यावरण समूहों ने भी इस अंतरिक्ष रक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, इसे “स्पेस मिलिटरीकरण की शुरुआत” कहा है।
कनाडा के रक्षा विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया
कनाडा और अमेरिका के बीच बैक-चैनल वार्ता चल रही है जिसमें आर्कटिक में “संयुक्त रडार निर्माण” के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। अमेरिकी सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति इस कार्यक्रम पर सुनवाई करने जा रही है, जिसमें कनाडा के रक्षा विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। भारत और जापान जैसे देशों ने भी इस मिसाइल डिफेंस नेटवर्क में भविष्य की प्रौद्योगिकी साझेदारी में रुचि दिखाई है। रिएक्शन : दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रियाएं
डोनाल्ड ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना को लेकर दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं:
- कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा, “हम अमेरिका के साथ सहयोग को नकारते नहीं, लेकिन कोई भी रक्षा परियोजना हमारी संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकती।”
- रूसी विदेश मंत्रालय ने इस योजना को “स्पेस वार रेस” की शुरुआत बताया है, और कहा है कि “अमेरिका वैश्विक सामरिक संतुलन को बिगाड़ रहा है।”
- चीनी ग्लोबल टाइम्स ने इसे “अमेरिकी आक्रामकता का नया चरण” करार दिया।
- अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के भीतर भी मतभेद हैं – कुछ इसे ट्रंप की दूरदर्शिता मान रहे हैं, तो कुछ इसे अनावश्यक महंगी रणनीति बता रहे हैं।
- कनाडा की संसद में अगले हफ्ते बहस – ट्रंप की योजना में शामिल होने पर प्रस्तावित रक्षा समझौते पर खुली चर्चा होगी।
- NORAD की समीक्षा बैठक – अमेरिका और कनाडा के रक्षा अधिकारियों की संयुक्त बैठक में तकनीकी साझेदारी पर आगे की रूपरेखा तैयार होगी।
- G7 सम्मेलन में उठ सकता है मुद्दा – इस योजना को लेकर यूरोपीय सहयोगियों की प्रतिक्रिया भी अहम होगी।
कनाडा अब एक ‘गेम चेंजर’
- कनाडा की पोजीशनिंग अब एक ‘गेम चेंजर’ बन रही है, जहां वह अमेरिका की रक्षा योजनाओं में ‘साइलेंट सुपरपावर’ के रूप में उभर रहा है।
- आर्कटिक भू-राजनीति – चीन और रूस पहले ही आर्कटिक क्षेत्र में सैन्य और शोध आधार बना रहे हैं, ऐसे में कनाडा-अमेरिका सहयोग वहां सामरिक संतुलन बनाए रख सकता है।
- अंतरिक्ष सैन्यीकरण का खतरा – गोल्डन डोम के तहत अंतरिक्ष में हथियार तैनाती के बाद अंतरराष्ट्रीय संधियों (जैसे Outer Space Treaty) पर भी दबाव बढ़ेगा।
ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना की सफलता सीधे कनाडा के सहयोग पर निर्भर
बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप की ‘गोल्डन डोम’ योजना की सफलता सीधे कनाडा के सहयोग पर निर्भर करती है। दोनों देशों को साझा सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर आपसी सहयोग को मजबूती देना होगा, तभी यह महत्त्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट सफल हो सकेगा।