ट्रंप ने अरब के व्यापार और प्रिंस के नेतृत्व की सराहना की
रियाद में आयोजित वैश्विक व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “जो रातों को चैन से नहीं सोते, वही वादों की धरती तक पहुंचते हैं।” उन्होंने यह कहकर सऊदी क्राउन प्रिंस के ‘विजन 2030’ की तारीफ की, जिसने रियाद को एक उभरता हुआ वैश्विक हब बना दिया है।
मानवाधिकारों पर चुप्पी साध ली(Trump human rights controversy)
अपने भाषण में ट्रंप ने सऊदी अरब के आर्थिक उत्थान की खूबियों का बखान तो किया, लेकिन वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या या देश में मानवाधिकारों के हनन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पूरी तरह चुप रहे। विश्लेषकों ने इसे एकतरफा समर्थन करार दिया।
डोनाल्ड ट्रंप-और प्रिंस सलमान समीकरण
डोनाल्ड ट्रंप और बिन सलमान की कैमिस्ट्री परस्पर हितों पर टिकी है, ट्रंप को चुनावी अभियान के लिए आर्थिक उपलब्धियों की ज़रूरत है, वहीं एमबीएस को अमेरिका की तकनीकी, सैन्य और राजनीतिक ताकत का समर्थन चाहिए।
अरब में सौदे की बारिश, AI, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर शामिल
शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने 142 अरब डॉलर के रक्षा सौदे और 600 अरब डॉलर के निवेश पैकेज की घोषणा (US Saudi investment deals) की, जिसमें AI, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर शामिल हैं।
बाइडन ने अरब को अलग-थलग करने की बात कही थी, ट्रंप ने गले लगाया
बाइडन प्रशासन ने सऊदी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की बात कही थी, लेकिन बाद में मंडराते बहुत से वैश्विक संकट, खास तौर से ऊर्जा की कीमतों के मद्देनज़र संबंध फिर से स्थापित किए गए। बाइडन-एमबीएस की ‘मुट्ठी टकराहट’ उस बदलाव का प्रतीक बन गई। जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने अरब के साथ दोस्ताना साथ निभाया और प्रिंस के साथ उनके रिश्ते इस बात की दलील हैं।