कारोबार पड़ा ठप!
ट्रंप के हाई टैरिफ का असर चीन में दिखने लगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कई चाइनीज़ फैक्ट्रियों पर ताले लटकने लगे हैं और कारोबार ठप पड़ गया है। टैरिफ के असर के चलते चाइनीज़ निर्माता अपना प्रोडक्शन रोक रहे हैं और नए बाज़ारों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे नौकरियों पर भी असर देखने को मिल रहा है। कई कारखानों ने अपने आधे कर्मचारियों को कुछ हफ्तों के लिए घर जाने के लिए कह दिया है और ज़्यादातर प्रोडक्शन बंद कर दिया है। खिलौने, खेल से जुड़े सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स बनाने वाली फैक्ट्रियों पर ट्रंप टैरिफ का सबसे बुरा असर दिख रहा है। एक अन्य रिपोर्ट मुताबिक ट्रंप टैरिफ से चीन में 1 से 2 करोड़ कर्मचारियों पर बेरोजगारी का संकट मंडराने लगा है।
भारत से मदद की उम्मीद
चीन की कंपनियाँ अब भारतीय निर्यातकों से संपर्क कर रही हैं, ताकि वो उनके अमेरिकी ग्राहकों के लिए ऑर्डर पूरे कर सकें और ग्लोबल टैरिफ वॉर के चलते वैश्विक व्यापार में आए भारी झटकों के बीच अपने ग्राहकों को बनाए रख सकें। रिपोर्ट के मुताबित, गुआंगझोउ में चल रहे कैंटन फेयर (व्यापार मेला) में चाइनीज़ कंपनियों ने कई भारतीय कंपनियों से संपर्क किया है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि चाइनीज़ कंपनियों ने भारतीय फर्मों से उनके अमेरिकी ग्राहकों को माल सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया है। इसके बदले में भारतीय कंपनियाँ बिक्री से होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा (कमीशन) चाइनीज़ कंपनियों को देंगी। ऐसे में भारतीय निर्यातकों के पास अमेरिका के लिए भेजे जाने वाले ज्यादा ऑर्डर शिफ्ट हो सकते हैं।
भारत में साझेदार तलाश रही है चाइनीज़ कंपनियाँ
चीन की कंपनियाँ इस समय भारत में साझेदार तलाश रही हैं और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ सीमित हिस्सेदारी में निवेश करने को भी तैयार हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स बनाने वाली चीन की प्रमुख कंपनी लियांचुआंग भारतीय कंपनियों एम्बर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑप्टीमस इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी में डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल और आइसी चिपसेट का भारत में निर्माण करने की योजना बना रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार भी चाइनीज़ कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम में 26त% तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है।